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वेंकटेश्वर मंदिर में मची भगदड़, 10 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल

आंध्र प्रदेश। श्रीकाकुलम जिले में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। कासीबुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में एकादशी के मौके पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 10 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।

घायल श्रद्धालुओं को तुरंत पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं।

‘उत्तरा तिरुपति’ कहलाता है यह मंदिर
वेंकटेश्वर मंदिर, जिसे स्थानीय लोग “उत्तरा तिरुपति” भी कहते हैं, आंध्र प्रदेश का एक प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर 11वीं–12वीं सदी में बनाया गया माना जाता है, जब चोल और चालुक्य शासकों का प्रभाव इस क्षेत्र में था।

यहां भगवान वेंकटेश्वर (श्री विष्णु) की पूजा की जाती है, जिन्हें भक्त श्रीनिवास, बालाजी और गोविंदा नामों से भी पूजते हैं।

एकादशी पर उमड़ी थी हजारों की भीड़
एकादशी और कार्तिक मास के दौरान मंदिर में हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शनिवार को भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ थी। मंदिर प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, लेकिन भीड़ नियंत्रण के इंतज़ाम पर्याप्त नहीं रहे। भक्तों के अनुसार, मुख्य द्वार के पास रेलिंग टूटने के बाद लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे, जिससे भगदड़ फैल गई।

मुख्यमंत्री ने जताया गहरा दुख
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा, “काशी बुग्गा वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ की घटना अत्यंत दुखद है।

मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।” मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि घायलों को सर्वोत्तम संभव उपचार प्रदान किया जाए। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को घटनास्थल का दौरा करने और राहत कार्यों की निगरानी करने के लिए भी कहा है।

घटना के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। राज्य सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं और घायलों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

स्थानीय लोगों ने कहा कि यह मंदिर हर साल हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होता है, इसलिए ऐसे पर्वों के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाना चाहिए।

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