कोयला घोटाला: निलंबित IAS रानू साहू को बड़ा झटका, कोर्ट ने जमानत याचिका की खारिज
रायपुर। कोयला घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू की जमानत को लेकर बड़ा खबर आ रही है। कोर्ट ने रानू साहू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
कोयला घोटाले में जेल बंद दीपेश टांक को सुप्रीम कोर्ट ने राहत के बाद मंगलवार शाम रिहा कर दिया गया। दीपेश को सात अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत दी गई है।
वहीं ईओडब्ल्यू में दर्ज मामले में निलंबित आइएएस रानू साहू के जमानत और कारोबारी दीपेश टांक प्रोडक्शन वारंट पर कोर्ट ने एक दिन के लिए फैसला सुरक्षित रखा था। बुधवार को फैसला होगा।
ईओडब्ल्यू की विशेष कोर्ट में मंगलवार को जमानत आवेदन और प्रोडक्शन वारंट पर बहस हुई। बचाव के वकील ने तर्क दिया है कि उनके पक्षकारों को परेशान करने ईओडब्ल्यू द्वारा एफआईआर दर्ज की गई। जबकि ईडी द्वारा दर्ज मामले में उनके पक्षकारों को अंतरिम जमानत दी गई है।
अभियोजन पक्ष के उपसंचालक मिथलेश वर्मा ने विरोध करते हुए बताया कि शराब घोटाले में दर्ज किए गए एफआइआर में आय से अधिक संपत्तियों का ब्यौरा दिया गया है।
रानू साहू, समीर बिश्नोई और सौम्या चौरसिया द्वारा अपनी आय से कई गुना चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गई है। इसे देखते हुए जमानत नहीं दिए जाने का अनुरोध किया। विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है।
दीपेश टांक के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि, ईओडब्ल्यू ने अभी तक बाकी लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन दीपेश को गिरफ्तार नहीं किया था। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद दीपेश टांक को परेशान करने की नीयत से इस तरह की चीजें की जा रही है। जो प्रकरण है उसमें दीपेश टांक का कोई लेना-देना नहीं है।
ईडी को जवाब देने चार सप्ताह का समय
रानू साहू और सुनील अग्रवाल को कोयला मामले में राहत के बाद सौम्या चौरसिया की ओर से बिलासपुर में जमानत याचिका लगाई गई थी। कोर्ट ने सुनवाई चार हफ्ते के लिए बढ़ा दी है। कोई ने ईडी को जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। अपने खिलाफ दर्ज मामले को खत्म करने सौम्या चौरसिया ने याचिका लगाई है।