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रामलला के दर्शन करेंगे BJP विधायक,योगी राम भक्त तो अखिलेश महादेव के उपासक

Ayodhya:- बीजेपी के प्रभु राम और समाजवादी पार्टी के भगवान शिव. यूपी की राजनीति दिलचस्प मोड़ पर है. योगी आदित्यनाथ की टीम ने राम के नाम पर विपक्ष को घेरने की रणनीति बनाई. लगा फिर फंसी समाजवादी पार्टी. विधानसभा में राम के नाम पर पार्टी दो गुटों में बंट गई थी. योगी सरकार की तरफ से विधानसभा में राम मंदिर पर धन्यवाद प्रस्ताव आया.इस प्रस्ताव में पीएम नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार जताया गया. समाजवादी पार्टी के चौदह विधायकों को छोड़ कर बाकी ने समर्थन कर दिया. विरोध करने वाले समाजवादी पार्टी के एक विधायक स्वामी ओमवेश तो अगले ही दिन पलट गए. उन्होंने कहा कि हम तो राम के उपासक हैं. जब ये सब हुआ अखिलेश यादव विधानसभा में मौजूद नहीं थे.

पी के विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों को अयोध्या चलने का निमंत्रण दिया है. कहा गया है कि सब अयोध्या चलें और रामलला के दर्शन करें. इसकी मांग भी समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह की तरफ से आई थी. स्पीकर की तरफ से कहा गया कि रविवार 11 फरवरी को सभी विधायक बस से अयोध्या चलेंगे. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के विधायक अयोध्या जाने की तैयारी कर रहे हैं. आरएलडी के विधायक भी साथ जाने का फैसला कर चुके हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी के विधायकों ने बीजेपी के साथ अयोध्या जाने से मना कर दिया.

जब भगवान का बुलावा आएगा, तब जाएंगे’

अयोध्या चलने के प्रस्ताव पर अखिलेश यादव ने कहा कि जब भगवान का बुलावा आयेगा, तब जाएंगे. समाजवादी पार्टी किसी भी सूरत में बीजेपी के साथ नजर नहीं आना चाहती है. पार्टी के सीनियर लीडर शिवपाल यादव ने तो कह दिया कि हमारे लिए अलग से इंतजाम किया जाए. पार्टी का मानना है कि अयोध्या जाना बीजेपी का ट्रैप है. राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बन रहा है लेकिन बीजेपी इसका क्रेडिट लेना चाहती है. इसीलिए समाजवादी पार्टी ने अब नई रणनीति बनाई है.

इटावा के शिव मंदिर जाएंगे सपा प्रमुख और विधायक

अखिलेश यादव ने फैसला किया है कि सभी विधायक इटावा चलेंगे. वहां सब शिव मंदिर जाएंगे. महादेव की पूजा अर्चना करेंगे. फिर समाजवादी पार्टी के सभी विधायक लायन सफारी जाएंगे. लायन सफारी अखिलेश यादव के राज में बना था. इटावा का शिव मंदिर भी अखिलेश यादव ही बनवा रहे हैं. इस मंदिर का भूमि पूजन भी अखिलेश और डिंपल ने ही किया था. केदारनाथ मंदिर के मॉडल पर इटावा का मंदिर बन रहा है. मंदिर का निर्माण आख़िरी दौर में है.

अखिलेश यादव ने खुद इसका वीडियो 20 जनवरी को जारी किया था. पार्टी के सभी विधायक अखिलेश यादव के साथ बस में सवार होकर इटावा जायेंगे. मामला बहुसंख्यक हिंदू वोटरों का है. राम के नाम पर बीजेपी का दावा इस वोट बैंक पर है. समाजवादी पार्टी का संकट ये है कि उसे मुस्लिम वोट भी चाहिए और उसे हिंदू विरोधी भी नहीं दिखना है. यानी इस इतवार को यूपी की सियासत राम बनाम शिव की होगी

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