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पत्नी ने पति की मौत की लगाई 50 हजार कीमत

भिलाई । आज के इस दौर में कोई किसी पर भरोसा नही कर सकता। सबसे पवित्र रिष्ता पति पत्नी का होता है लेकिन अब इस सोषल मीडिया के जमाने में पति पत्नी द्वारा एक दूसरे को मौत के घाट उतारने के मामले रोज सुर्खियों में आने लगा है। इसी प्रकार का एक मामला आज फिर भिलाई में सामने आया, जिसमें पत्नी ने अपनी पति की हत्या करवाने के लिए तीन लोगों को 50 हजार रूपये में सुपारी दी थी और पूरे योजनाबद्ध तरीके से पति को बुलाकर इन तीनों आरोपियेां द्वारा पत्नी के सामने ही गले में धारदार हथियार से वार कर फरार हो गये थे। इसी दौरान 16 मई की देर शाम पुलिस के पेट्रोलिंग टीम को रात के अंधेरे में खून से लथपथ पति से उसकी पत्नी विवाद कर रही पत्नी पर नजर पडी और पुलिस ने घायल पति को अस्पताल पहुंचाया था। शख्स को होश आने के बाद जो खुलासा हुआ वह चौंकाने वाला निकला। दरअसल यह पूरा मामला पति-पत्नी के बीच विवाद का निकला। पत्नी ने पति की हत्या के लिए तीन बदमाशों को 50 हजार की सुपारी दी।

समय पर पुलिस पहुंच गई और गंभीर रूप से घायल शख्स को बचा लिया। इस मामले में पुलिस ने शातिर महिला के साथ उसके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। नेवई पुलिस ने इस मामले में धारा 307, 120बी के तहत कार्रवाई कर चारों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। इस पूरे मामले में शनिवार को एएसपी सुखनंदन राठौर ने पुलिस कंट्रोल रूम सेक्टर-6 में खुलासा किया। घटना 16 मई की देर शाम लगभग 7 बजे की है। थाना नेवई पेट्रोलिंग द्वारा आउटर एरिया नेवई डेम क्षेत्र के संदिग्धों पर नजर रखने पेट्रोलिंग किया जा रहा था। इस दौरान नेवई डेम किनारे अंधेरे में एक व्यक्ति खून से लथपथ अपनी पत्नि के साथ विवाद कर रहा था। यह देखकर पेट्रोलिंग टीम पास गई तो देखा कि उस व्यक्ति के गले में गंभीर चोट लगी

है और काफी खून निकल रहा था। घायल व्यक्ति को पुलिस टीम ने तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया। वह बातचीत करने की स्थिति में नहीं था। घायल व्यक्ति को था पत्नी पर शक वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर नेवई पुलिस ने हत्या का प्रयास करने वालों की तलाश शुरू कर दी। इधर इलाज के बातचीत करने की हालत में आने पर पुलिस ने उसका बयान लिया तो चौंकाने वाली बात निकली। घायल व्यक्ति ने अपना नाम तौकील आलम निवासी कुरुद रोड कोहका बताया। पूछताछ में उसने बताया कि 16 मई की रात को उसकी पत्नी नीदा अंजुम ने पेट्रोल खत्म होने की बात कहकर पेट्रोल लेकर नेवई डेम पर पहुंचने कहा। उसने बताया कि जब वह रात 8 से 9 बजे के बीच पेट्रोल लेकर नेवई डेम पहुंचा और स्कूटी की चाबी आसपास कहीं गुम हो जाने की बात कही।

जब तौकीर आलम ने चाबी ढूंढने लगा तो पास में खड़े एक अज्ञात व्यक्ति जो मुंह में स्कार्फ बांधा था, उसने कहा कि चाबी यहां पर है। तौकीर आलम ने उससे चाबी ली और पीछे मुड़कर गाड़ी की ओर आने लगा तो पीछे से उसने धारदार हथियार से गले पर वार कर दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस को तौकीर ने यह भी बताया कि इस पूरी घटना के पीछे उसकी पत्नी के होने की आशंका है। बयान के आधार पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया। विवाद से परेशान होकर रची हत्या की साजिश इसके बाद पुलिस ने तौकीर आलम की पत्नि संदेही नीदा अंजुम को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। जल्द ही नीदा अंजुम ने पूरी सच्चाई बता दी। उसने बताया कि शादी के बाद से पति पत्नी के बीच अक्सर विवाद होता था। जिससे परेशान होकर अपने पति तौकीर आलम को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। उसने अपने परिचित आजाद कैवंट को अपना प्लान बताया।

तब आजाद केवंट ने अपने दोस्त देव कुमारं चौधरी एवं जय कुमार के साथ मिलकर तौकीर आलम की हत्या करने के लिये 50,000 रुपए में सौदा तय किया। इसके बाद नीदा अंजुम, आजाद केवंट, देव कुमार चौधरी एवं जय कुमार ने तौकीर को जान से मारने की प्लानिंग कर नेवई डेम बुलाया नीदा अंजुम अपनी स्कूटी से तथा आजाद केवट अपनी स्कार्पियों में अपने साथी देव कुमार व जय कुमार को साथ लेकर नेवई डेम पहुंचे। रात करीब 8 बजे योजनाबद्ध तरीक से नीदा अंजुम ने अपने पति तौकीर को पेट्रोल खत्म होने का बहाना कर वाटसअप काल कर नेवई डेम बुलाया। देव कुमार चौधरी व आजाद केंवट स्कार्पियों में बैठकर तथा जय कुमार मुंह में स्कार्फ बांधकर अपने जेब मे धारदार कटर एवं नीदा अंजुम की गाड़ी की चाबी को अपने पास रखकर इंतजार कर रहा था। जैसे ही तौकीर आलम पेट्रोल लेकर नेवई डेम आया और पेट्रोल डालने के लिये स्कूटी का चाबी मांगी तो उसने गुम हो जाने की बात कह दी।

तब तौकीर चाबी ढूंढने लगा तो पास खडे जय कुमार ने चाबी यहां पर है कहकर पास बुलाकर चाबी दिया और पास में रखे धारदार कटर से गले में तीन-चार बार वार कर दिया। इसके बाद सभी वहां से भाग गए। पुलिस ने निदा अंजुम के बयान के बाद उसके साथी आजाद कैंवट, देव कुमार चौधरी एवं जय कुमार मेहता गिरफ्तार कर लिया। इस पूरी कार्रवाई में निरीक्षक आनंद शुक्ला, निरीक्षक ममता अली शर्मा, एएसआई सुरेन्द्र तारम, प्रधान आरक्षक सूरज पाण्डेय, आरक्षक रवि बिसाई, अजित यादव, आख चंदन भास्कर, आरक्षक विकास शर्मा रोहन दुबे, महिला आरक्षक बिन्दु भाले तथा एसीसीयु के आरक्षक उपेन्द्र यादव, विकांत यदु, शाहबाज खान, का प्रशंसनीय योगदान रहा।

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