वाशिंगटन। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चीन (ड्रैगन) अमेरिकी यात्रियों को वीजा प्रतिबंधों में ढील देगा। वाशिंगटन में चीनी दूतावास द्वारा शुक्रवार को जारी नोटिस के अनुसार, एक जनवरी से अमेरिकी पर्यटकों को हवाईजहाज से आने और जाने के टिकट, होटल आरक्षण के प्रमाण, यात्रा के विवरण आदि जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
नोटिस में कहा गया कि सरल आवेदन प्रक्रिया का उद्देश्य चीन और अमेरिका के बीच लोगों की यात्राओं को सुगम और सुविधाजनक बनाना है। चीन का यह फैसला उस वक्त आया है जब देश कोरोना वायरस महामारी के कारण तीन वर्ष के सख्त प्रतिबंधों के बाद अपने पर्यटन में फिर से जान फूंकने की कोशिश में लगा है।
हालांकि इस वर्ष की शुरुआत में प्रतिबंधों को हटा देने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की देश में आने की संख्या में कोई खास इजाफा नहीं हुआ। आव्रजन आंकड़ों के अनुसार, चीन में इस वर्ष की पहली छमाही में 84 लाख यात्री आए और गए। यह संख्या वर्ष 2019 की तुलना में कम है।
चीन में इन देशों के नागरिकों को मिलेगा वीजा-फ्री एंट्री
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने अपने दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि चीन ने बाहरी दुनिया के लिए उच्च स्तरीय खुलेपन का संकेत दिया है। उन्होंने आगे कहा कि चीन अपने देश में पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए कई देशों के नागरिकों को वीजा-फ्री एंट्री भी देगा। चीन ने पिछले महीने घोषणा की था कि वह फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन और मलेशिया के नागरिकों को 15 दिनों तक वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देगा।
चीन में आने वाले पर्यटक की संख्या में गिरावट
चीन के इमीग्रेशन आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष की पहली छमाही में 8.4 मिलियन लोगों ने चीन की यात्रा की, जो कि साल 2019 के दौरान 977 मिलियन था। मालूम हो कि अमेरिकी पर्यटकों को लुभाने की चीन की कोशिशों को अन्य कई तरह के विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय उड़ानें एक द्विपक्षीय समझौते द्वारा निर्धारित की गई हैं। वहीं, देश में महामारी के स्तर में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
Insightful read! I found your perspective very engaging. For more detailed information, visit: READ MORE. Eager to see what others have to say!