दुश्मन का दुश्मन दोस्त, जम्मू-कश्मीर में दो पुराने सियासी शत्रु BJP के खिलाफ मिलाएंगे हाथ…
अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की भी मुहर लगने के बाद जम्मू-कश्मीर में सियासी हवा तेजी से बदलने लगी है।
अब दो सियासी दुश्मनों ने बीजेपी के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई में हाथ मिलाने के संकेत दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नेशनल कॉन्फ्रेन्स के साथ आगामी विधानसभा चुनावों में गठजोड़ करने के संकेत दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने अगले साल सितंबर से पहले जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने को कहा है। ऐसे में तेजी से बदले सियासी माहौल में पीडीपी ने नेशनल कांफ्रेंस के साथ चुनाव-पूर्व गठजोड़ की तरफदारी की है।
पीडीपी ने बुधवार को कहा कि इस केंद्रशासित प्रदेश के लोगों को बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए।
पीडीपी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद सरताज मदनी ने कहा कि पार्टी चाहती है कि गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के घटक एकजुट रहें।
महबूबा पीएजीडी की मूलाधार
मदनी ने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, “महबूबा के संघर्ष के बाद पीएजीडी बना। वह सभी को साथ लायीं। महबूबा पीएजीडी की मूलाधार हैं। इसलिए हम उसमें कोई दरार नहीं चाहते हैं। हमारी तरफ से ऐसी कोई बात नहीं होगी कि हम यह गठबंधन नहीं चाहते हैं। हम चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर के सभी लोग उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बड़े लक्ष्य के लिए एकजुट हो जाएं।”
वह पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयानबाजी करने तथा दोनों दलों के बीच चुनाव पूर्व गठजोड़ होने की संभावना के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे। जब मदनी से पूछा गया कि क्या पीडीपी ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशी तय कर लिये हैं तो उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड दूसरी बैठक पर उसपर निर्णय लेगी।
अनुच्छेद 370 पर अब ईश्वर पर टिकी आस
सुरक्षा स्थिति में सुधार के दावे के बारे में पूछे गऐ एक प्रश्न के उत्तर में पीडीपी नेता ने कहा कि यदि सबकुछ इतना ही अच्छा है तो उन्हें चुनाव कराने दीजिए। अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के हाल के फैसले पर मदनी ने कहा कि पार्टी ने ईश्वर पर अपनी आस टिका रखी है।
उन्होंने कहा, ”उच्चतम न्यायालय से भी ऊपर आखिरी अदालत वहां है और हमने अपनी आस वहीं टिका रखी है। देखिए हैं , ईश्वर क्या करता है।” जब मदनी से पूछा गया कि क्या पीडीपी की और कोई योजना है, तो उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व पहले बैठक कर इस विषय पर चर्चा करेगा , तब देखिए क्या किया जा सकता है।
PDP और NC में पुरानी है दुश्मनी
बता दें कि पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेन्स के बीच गहरी सियासी दुश्मनी मुफ्ती मोहम्मद सईद और फारूक अब्दुल्ला के युग से चली आ रही है। मुफ्ती सईद हमेशा से नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में एक राजनीतिक विकल्प के तौर पर खुद को पेश करते रहे हैं। 1990 के दशक के अंत तक राज्य में पीडीपी एक मजबूत राजनीतिक मोर्चे के रूप में उभरी जिसने एनसी के लंबे समय से चले आ रहे प्रभुत्व को साहसपूर्वक चुनौती दी। अब बदली हुई परिस्थितियों में दोनों पार्टियां बीजेपी के खिलाफ हाथ मिलाने में ही भलाई समझ रही हैं।
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