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कोर्स पूरा कराए बिना सरकारी स्कूलों में ली जा रही त्रैमासिक परीक्षा

कोरबा। तीन माह का कोर्स पूरा किए बगैर ही शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में त्रैमासिक परीक्षा शुरू कर दी है। शिक्षकों की कमी की वजह से पढ़ाई अधूरी है। ग्रीष्म अवकाश के बजाए शिक्षा सत्र के तीन माह गुजर जाने के बाद वैकल्पिक अतिथि शिक्षकाें की भर्ती के लिए आवेदन मंगाया जा रहा। अधूरी पढ़ाई के साथ परीक्षा आयोजन ने अभिभावक व विद्यार्थियों की चिंता बढ़ा दी है।

सरकारी स्कूल में वैकल्पिक शिक्षकों की भर्ती की सुध तब ली जाती है जब शिक्षा सत्र की शुरूआत हो चुकी होती है। जिला प्रशासन खनिज न्यास से शिक्षकों की भर्ती का निर्णय लिया है। अभी हाल ही में पखवाड़े भर पहले हाई व हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए 118 शिक्षकों की भर्ती हुई है और 26 सितंबर से परीक्षा शुरू कर दी गई। अधूरी पढ़ाई के बीच परीक्षा देने में सबसे अधिक परेशानी विज्ञान विषय के विद्यार्थियाें को हो रही है। 98 ऐसे मिडिल स्कूल हैं जहां सेटअप के अनुरूप शिक्षक नहीं हैं। यहां शिक्षकों की भर्ती के पहले ही परीक्षा शुरू कर दी गई है।

शिक्षा विभाग ने अभी भर्ती के लिए आवेदन मंगाया है। प्रायमरी स्कूलों में स्थिति और अभी अधिक विकट है। जिलेे 200 से अधिक एकल व शिक्षक विहीन स्कूलों का संचालन हो रहा है। मिडिल के बाद प्रायमरी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। छत्तीसगढ़ माध्यमिक पाठ्यक्रम के अलावा केंद्रीय शिक्षा बोर्ड पर आधारित स्वामी आत्मानंद स्कूल भी शिक्षक की कमी से जूझ रहे हैं। जिले 58 आत्मानंद स्कूलों का संचालन हो रहा है। जिसमें सेटअप के अनुरूप शिक्षकों की भर्ती नहीं की गई है। अंग्रेजी और हिंदी माध्मम वाले इन स्कूलों में शिक्षक के 68 पद अब भी खाली है। केंद्रीय पाठ्यक्रम के लिहाज से यहां त्रैमासिक परीक्षा पूर्ण कर ली जानी थी लेकिन समय पर नहीं हुई।

त्रैमासिक परीक्षा के लिए जारी प्रश्न पत्रों में प्रिटिंग संबंंधित गलतियों की भरमार देखी जा रहा है। शनिवार को दसवी की गणित का प्रश्न पत्र था। वस्तुनिष्ठ प्रश्न में चार एबीसीडी चार विकल्प होता है। इसमे बच्चों को एक विकल्प चुनना रहता। वैकल्पि प्रश्नों के लिए एबीसीडी के बजाए एबीसीसी दिया गया था। यह गलती एक नहीं बल्कि तीन प्रश्नों के लिए की गई थी। प्रश्न पत्र तैयार करने के लिए शिक्षकों की टीम गठित किया जाता है। प्रिंट निकाले के पहले डेमो कापी दिखाई जाती है। टीम में दस से 12 शिक्षक शामिल होते हैं, इसके बाद भी गलतियां नहीं सुधारी गई।

वार्षिक परीक्षा के परिणाम पर पड़ेगा असर

नियमानुसार त्रैमासिक परीक्षा सितंबर माह के पहले पखवाड़े में पूरी कर ली जाती है। माह के अंत तक परिणाम भी जारी कर दिया जाता है। यह प्रक्रिया निजी स्कूलों में लगभग पूरी हो चुकी वहीं अर्द्ध वार्षिक की भी तैयारी शुरू कर दी गई है। समय के अनुरूप पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने का सर्वाधिक असर बोर्ड कक्षा की पढ़ाई करने वाले बच्चों पर होता है। बाजार में उपलब्ध परीक्षा पास कराने की गारंटी वाले गाइड पुस्तक के भरोसे विद्यार्थी परीक्षा में बैठते हैं। शिक्षकों का मार्गदर्शन नहीं मिलने की वजह से परीक्षा में असफलता ही हाथ आती है।

औचक निरीक्षण से खुल रही अनुपस्थिति शिक्षकों की पोल

पाठ्यक्रम पूरा नहीं होने के लिए केवल शिक्षक की कमी ही नहीं बल्कि अनुस्थिति भी जिम्मेदारी की श्रेणी में आता है। पूरा सेटअप होने लाभ उठाकर आए दिन शिक्षक पारी बना कर छुट्टी में रहते हैं। सप्ताह भर पहले कटघोरा व करतला विकासखंड के स्कूलों का निरीक्षण किया गया। विद्यार्थियाें की उपस्थिति के बाद भी तीन शिक्षक अनुपस्थित मिले। शिक्षा कार्य की उपेक्षा करने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

इनका कहना

स्कूलाें में त्रैमासिक परीक्षा शुरू की जा चुकी है। हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों शिक्षकों भर्ती कर ली गई है। प्रायमरी व मिडिल स्कूलों शिक्षकों की कमी से पढ़ाई पर असर हुआ है। वैकल्पिक शिक्षकों की भर्ती से आगामी अर्द्धवार्षिक परीक्षा तक स्थिति में सुधार कर ली जाएगी।

तामेश्वर उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी

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