
कोरबा । जिले में शिक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव देखने को मिला। जिला प्रशासन ने खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) के तहत 480 अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे न केवल स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने में मदद मिली है, बल्कि स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार और अध्यापन का अवसर भी प्राप्त हुआ है।
इस पहल का सबसे अधिक लाभ दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों, जैसे पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पचरा के शासकीय हाई स्कूल, को हुआ है, जहां अब विद्यार्थियों को सभी विषयों की नियमित पढ़ाई का लाभ मिल रहा है। इस कदम ने विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों में नई उम्मीद जगाई है।
कोरबा शहर से लगभग 80 किलोमीटर दूर पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम पचरा, कोरबी स्थित शासकीय हाई स्कूल क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों के लिए शिक्षा का प्रमुख केंद्र है।
इस स्कूल में आसपास के गांवों से आने वाले विद्यार्थी भविष्य को संवारने की उम्मीद के साथ दाखिला लेते हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इस स्कूल में नियमित शिक्षकों की कमी एक बड़ी समस्या थी।
कई विषयों के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की अनुपस्थिति के कारण विद्यार्थियों को अधूरी पढ़ाई से जूझना पड़ता था, जिससे न केवल उनका मनोबल प्रभावित होता था, बल्कि उनके माता-पिता भी चिंतित रहते थे।
जिला प्रशासन ने इस समस्या का समाधान खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) के माध्यम से मानदेय आधारित अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति करके किया। इस पहल के तहत पचरा हाई स्कूल में अब सभी विषयों के लिए शिक्षक उपलब्ध हैं। स्कूल में कक्षा 9वीं में 48 और कक्षा 10वीं में 25 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
गणित, अंग्रेजी और विज्ञान जैसे विषयों के लिए पहले से शिक्षक मौजूद थे, लेकिन अब मानदेय शिक्षिकाओं द्वारा हिंदी, सामाजिक विज्ञान और अन्य विषयों की पढ़ाई भी नियमित रूप से कराई जा रही है। इससे स्कूल में कोई भी कालखंड खाली नहीं जाता, और विद्यार्थियों को सभी विषयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है।