कबीरधाम । कवर्धा शहर से लगे सरोधा बांध में एक 80 किलो वजनी मछली मिली है। यह मछली तकरीबन छह से सात फुट लंबी है। इस विशालकाय मछली को जिसने भी देखा, देखता ही रह गया। मत्स्य पालन विभाग के अनुसार, इसे ब्लैक कार्प मछली कहा जाता है। ब्लैक कार्प मछली को ब्लैक अमूर के नाम से भी जाना जाता है। कुछ दक्षिण एशियाई देशों में ब्लैक कार्प मछली की खेती बहुत लोकप्रिय हुई है। ब्लैक कार्प मछली पूर्व एशिया की नदियों-झीलों में अधिक पाई जाती है। एशियाई देशों में ब्लैक कार्प मछली का पॉलिकल्चर बहुत लोकप्रिय है। ब्लैक कार्प मछली को अकेले स्टॉक नहीं किया जाता है, ब्लैक कार्प मछली को हमेशा अन्य कार्प मछली प्रजातियां जैसे सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प, आदि के साथ पाली जाती है। ब्लैक कार्प मछली का पालन करना बहुत ही सरल है। साथ ही बताया कि आमतौर पर यह मछली कम ही दिखाई देती है। इतनी विशालकाय मछली के मिलने की खबर कुछ ही देर में पूरे इलाके में फैल गई और देखते ही देखते मौके पर लोगों की भीड़ इकठ्ठी हो गई। मछली को स्थानीय कवर्धा के मार्केट में बेचा गया है। इसका रेट भी अन्य मछलियों की तुलना में ज्यादा होता है। ये करीब 300 रुपये प्रति किलो के दाम में बेची गई है।
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