जब भी चुनाव होता है तो राजनीतिक दल खुद जीतने के लिए तथा दूसरों को हराने के लिए कई तरह हथकंड़ों का उपयोग करते हैं। जैसे युध्द व प्रेम मेें सब जायज माना जाता है उसी तरह चुनाव जीतने के लिए व दूसरों को हराने के लिए भी कुछ भी किया जा सकता है। वोट तो जनता से लेना रहता है,इसलिए ऐसी बाते सुनियोजित तरीके से की जाती है जिससे जनता उसी को वोट देने मजबूर हो जाए। जनता दूसरे को वोट न दे इसके लिए जनता को डराया जाता है।
दूसरा तरीका होता है आश्वस्त करने का कि हम सत्ता में आए तो सब ठीक हो जाएगा। हम सब ठीक कर देंगे। लोकसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस में ही होना है। भाजपा की तरफ से दस सालों में किए गए कामों को बताकर जनता का आश्वस्त किया जा रहा है कि भाजपा आई तो जिस तरह दस साल जनता के लिए, देश के लिए काम किया गया है,वैसे ही काम किया जाएगा। सबसे बड़ा लक्ष्य तो यही बताया जा रहा है कि भारत को विकसित देश बनाने का प्रयास किया जाएगा। किसी भी देश के लोगों का सपना होता है कि उसका देश को विकसित देश बनना चाहिए। यह सपना तो कांंग्रेस भी दिखा सकती थी लेकिन चार पांच दशक तक सत्ता में रहने के बाद भी उसने कभी भारत को विकसित देश बनाने की बात तक नहीं की। इससे साफ है कि कांग्रेस के पास बड़े नेता तो थे लेकिन देश के लिए उऩके पास कोई बड़ा विजन नहीं था।
यह विजन पीएम मोदी के पास है। इसलिए वह देश के लोगों के सबसे पसंदीदा नेता है।उन पर पूरा देश भरोसा करता है, देश के लोग सोच नहीं पाते हैं कि पीएम मोदी देश में कुछ बुरा कर सकते हैं। विपक्ष के किसी नेता के पास पीएम मोदी जैसा विजन नहीं है, इसलिए वह मोदी के मुगाबले खड़े नहीं हो पाते हैं। जनता तो जो बेहतर होता है,उसे ही चुनती है। मोदी से बेहतर कोई नहीं है, इसलिए पीएम मोदी आश्वस्त है कि वह तीसरी बार भी पीएम बनेंगे। तीसरी बार भी उनकी सरकार बनेगी।
राहुल गांधी सहित विपक्ष क तमाम नेताओं के पास पीएम मोदी जैसा विजन नहीं है, वह सकारात्मक रुप से पीएम मोदी को कोई मुकाबला नहीं कर सकते। इसलिए वह नकारात्कम उपायों का सहारा लेने को विवश हैं। वह देश को लोगों को डराने के लिए कहते हैं कि पीएम मोदी तीसरी बार सत्ता में आए तो देश का संविधान बदल दिया जाएगा, देश में लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा। कांग्रेस के नेता भी हर जगह जाते हैं तो यही बात कहते हैं ताकि जनता डरकर मोदी को वोट न दे। डरकर कांंग्रेस सहित विपक्ष को वोट दे।
मोदी के नाम पर देश के लोगों को डराने वालों का यही तर्क है कि कोई भी दल ज्यादा समय तक सत्ता पर रहता है तो उसका नेता तानाशाह हो जाता है,तानाशाह हो जाता है तो लोकतंत्र का समाप्त कर देता है, उसके बाद देश में तानाशाही आ जाती है। अगर इसी लाजिक को मान लिया जाए कि देश में कोई दल ज्यादा दिनों तक सत्ता मे रहता है वह तानाशाह हो जाता है, लोकतंत्र को समाप्त कर देता है तो इस देश मे तो सबसे ज्यादा समय तक कांंग्रेस सत्ता मे रही फिर देश में लोकतंत्र समाप्त क्यों नहीं हुआ और तानाशाही क्यं नही आई।
जहां तक देश के लोगों को तानाशाही के अनुभव की बात है तो इसका अनुभव तो लोगों को पीएम मोदी के समय नहीं हुआ लेकिन कांग्रेस के समय हुआ है जब देश में आपातकाल लगाया गया था. देश के लोग आपातकल को कभी नहीं मूल सकते इसलिए कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिव चंदन यादव जैसे नेता कितना भी कहें कि यह चुनाव लोकतंंत्र व संविधान को बचाने का है। लोग कांग्रेस नेताओं की बात पर यकीन नहीं करने वाले हैं। पीएम मोदी इस समय देश के सबसे भरोसेमंद नेता है।देश के लोगों को भरोसा है कि वही देश को मजबूत बना सकते हैं,विकसित देश बना सकते है।इसलिए विकसिंत देश बनाने के नाम पर तो जनता तीसरी बार पीएम मोदी व भाजपा का साथ देगी। विपक्ष के पास जब तक मोदी से बेहतर कोई नेता नहीं होगा, जनता विपक्ष पर भरोसा करने वाली नही है।