बिलासपुर । मालगाड़ी के जर्जर एमटी वैगन का खुला दरवाजा शनिवार को बिलासपुर यार्ड में ओएचई के खंभे से टकराया। इससे खंभा क्षतिग्रस्त हो गया। इस वजह से दो घंटे तक यह लाइन प्रभावित रही। कटनी रूट की ओर जाने वाली ट्रेनों को दूसरी लाइन से भेजा गया। यह स्थिति तब है, जब भास्कर ने ऐसी परिस्थिति के लिए आगाह किया था, तब रेलवे अफसरों ने खबर को ही गलत ठहरा दिया था। सीनियर डीसीएम विकास कश्यप ने कहा था कि वैगनों के दरवाजों को जीआई तार से कसकर बांधा जाता है। वह रास्ते में कहीं नहीं खुल सकता है। अब वही कह रहे हैं कि वैगन का दरवाजा तो कभी भी खुल सकता है। लोग कोयला चोरी करने के लिए उसे खोल देते हैं।
कटनी दिशा से सुबह करीब 11.30 बजे बिलासपुर स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म पर आ रहे एमटी वैगन का एक दरवाजा झटके से खुला, जिससे एक ओएचई खंभा क्षतिग्रस्त हो गया। खंभा बीच से बैंड हो गया और ओएचई में करंट की सप्लाई बंद हो गई। मालगाड़ी के एमटी वैगन को वहीं पर खड़ा करना पड़ा। इसके बाद कैरिज व वैगन डिपार्टमेंट के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और दरवाजे को तार से बांधकर प्लेटफार्म तक लाया गया। मालगाड़ी के एमटी वैगन ने जिस खंभा नंबर किलोमीटर 1/1 को क्षतिग्रस्त किया, उसे सीधा करने में दो घंटे लग गए। जहां पर यह घटना घटी है, वह रेलवे के इंडियन ऑयल डिपो के पीछे का हिस्सा है। इंडियन ऑयल का डिपो 12 खोली चौक पर है। चूंकि खंभा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, इसलिए उसे बदलना जरूरी है लेकिन यह आसान नहीं है।
नया खंभा लगाने के लिए पहले कांक्रीट का बेस बनाने के लिए गड्ढा खुदाई और फिर उसमें उसे खड़ा करने का काम किया जाएगा। इसमें काफी समय लगेगा। पार्सल कार्यालय से गजरा चौक को जोड़ने वाला वर्षों पुराना एफओबी ऐसे ही मालगाड़ी के वैगन के खुले दरवाजे की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो चुका था। एफओबी का पियर खंभा क्षतिग्रस्त होने के बाद ही अफसरों ने पूरा ब्रिज गिरवा दिया था । उसके स्थान पर नया एफओबी बनाया जा रहा है। यह मामला नया नहीं है लेकिन अफसर इस बात को नहीं स्वीकारते। हैं कि ये हादसे विभागीय लापरवाही के चलते हो रहे हैं। वैगन के दरवाजे से टकराने के बाद क्षतिगस्त हुआ ओएचई पोल।