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विद्यासागर महाराज की चंद्रगिरी में बनेगी समाधि; 22 या 23 को उनके उत्तराधिकारी पहुंचेंगे डोंगरगढ़

राजनांदगांव  । जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद अब उन्हें विनयांजलि देने देशभर के कोने-कोने से जैन मुनि और लोग चंद्रगिरी तीर्थ डोंगरगढ़ पहुंच रहे हैं। चंद्रगिरी जैन तीर्थ स्थल में आचार्य मुनि विद्यासागर जी महाराज की समाधि बनाई जाएगी, वहीं उनके उत्तराधिकारी मुनि श्री समय सागर जी महाराज भी 22 या 23 फरवरी को चंद्रगिरी डोंगरगढ़ पहुंचेंगे।

जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने सल्लेखना करते हुए अपना देह त्याग कर ब्रह्मलीन हो गए थे। 18 फरवरी को वह पंचतत्व में विलीन हो गए। डोंगरगढ़ चंद्रगिरी में जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज को अंतिम श्रद्धांजलि दी गई। जहां हजारों की संख्या में जैन मुनि जैन समाज से जुड़े लोग और गणमान्य नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और गणमान्य नागरिकों ने उनके ब्रह्मलीन होने पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जैन आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने जैन परंपरा अनुसार सल्लेखना धारण कर वह ब्रह्मलीन हो गए और 18 फरवरी को देर रात ढाई बजे के करीब उन्होंने देह त्याग दिया।

वहीं इससे पूर्व आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने आचार्य का पद त्याग करते हुए संघ संबंधी कार्यों से निवृत्ति ले ली और उन्होंने आचार्य पद के लिए योग मुनि शिष्य मुनि श्री समय सागर जी महाराज जी को योग्य समझा और उन्हें आचार्य का पद दे दिया। अध्यक्ष चंद्रगिरी तीर्थ ट्रस्ट किशोर कुमार जैन ने बताया कि जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद उनकी समाधि डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगृह में बनाई जाएगी। वहीं उनके उत्तराधिकारी योग मुनि शिष्य मुनि श्री समय सागर जी महाराज को आचार्य का पद दे दिया। उनके आने के बाद विधिवत उन्हें आचार्य बनाया जाएगा।

महाराष्ट्र होते हुए वह चंद्रगिरी डोंगरगढ़ पहुंचेंगे 22 या 23 फरवरी को मुनिश्री समय सागर जी महाराज चंद्रगिरी पहुंच सकते हैं। इसके साथ ही कई अन्य संत भी उनके साथ चंद्रगिरी डोंगरगढ़ पहुंचेंगे, जिसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं। बड़ी संख्या में कोने-कोने से जैन मुनि और जैन धर्म से जुड़े लोग राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी पहुंच रहे हैं।विश्व विख्यात जैन मुनि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के देवलोक गमन के बाद पूरे देश में उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है और उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद किया जा रहा है। उनका पूरा जीवन लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है उन्होंने पूरे जीवन भर सात्विक जीवन जिया और समाज के प्रति वह कार्य करते रहे डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी में उनकी समाधि बनाई जाएगी जिसको लेकर तैयारी की जा रही है।

विद्यासागर जी महाराज को सकल दिगंबर जैन समाज ने दी विनम्र विनयांजलि

जगदलपुर में सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा मंगलवार सुबह महावीर भवन में समाधिलीन श्रद्धेय विद्यासागर जी महाराज को विनम्र विनयांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर गुरुदेव को अपनी विनम्र विनयांजलि अर्पित करने सभी जाति धर्म को लोग एकत्र हुए। सभी ने गुरुदेव के अनुकरणीय आचरण को अपने जीवन में उतारने की बात कही।

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