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विष्णु सरकार के फैसलों से किसानों के खिले चेहरे

रायपुर, । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में गठित छत्तीसगढ़ द्वारा मात्र दो माह की अल्पावधि में राज्य के किसानों के हित में लिए गए फैसले से राज्य भर के किसान बेहद खुश है। उनके चेहरे खिल गए है और मन में एक नई उम्मीद जागी है। प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी तथा दो साल के बकाया धान बोनस की राशि 3716 करोड़ रूपए का भुगतान होने से खुश किसानों के संगठन और समूहों द्वारा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उनके सहयोगी मंत्रीगणों का जगह-जगह स्वागत-अभिनंदन किया जा रहा है। किसान समूहों द्वारा मुख्यमंत्री के स्वागत अभिनंदन का ऐसा ही नजारा बीते दिनों राज्य के सुदूर वनांचल के जिला मुख्यालय नारायणपुर में देखने को मिला।
मुख्यमंत्री साय का नारायणपुर में किसान संगठनों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने किसान के हित में उनकी सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को लेकर जोरदार ढंग से स्वागत अभिनंदन किया और मुख्यमंत्री का आभार जताया। किसानों संगठनों के पदाधिकारियों का कहना था कि उन्होंने यह सोचा नहीं था कि धान खरीदी और बकाया बोनस को लेकर विष्णु देव सरकार इतनी तेजी से फैसला लेकर उसे लागू भी कर देगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी में शामिल किसानों के हित से जुड़े मामलों को जिस तेजी के साथ छत्तीसगढ़ सरकार ने लागू किया है, यह स्वागतेय है।
छत्तीसगढ़ की जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी पर भरोसा जताया है। इस भरोसे को राज्य सरकार ने सर्वाेच्च प्राथमिकता दी है। राज्य सरकार ने राज्य के 18 लाख से अधिक पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति दी है। किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। राज्य में समर्थन मूल्य पर रिकार्ड तोड़ धान की खरीदी के बावजूद भी धान बेचने से शेष रह गए किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान खरीदी की निर्धारित अवधि में 4 दिन की बढ़ोत्तरी भी की गई।
किसानों का मानना है कि राज्य सरकार के अब तक के फैसलों से यह स्पष्ट हो गया है कि नई सरकार किसानों की हितैषी है। राज्य के किसान भाईयों को 2183 रूपए प्रति क्विंटल के मान से समर्थन मूल्य का भुगतान 48 घण्टे के भीतर उनके बैंक खातों में किया गया है। किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार ने कृषक उन्नति योजना लागू करने की तैयारी में है। इस नवीन योजना के क्रियान्वयन के लिए वर्ष 2024-25 के बजट में 10 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
भारत कृषि प्रधान देश है। देश की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है। छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का मूल आधार भी कृषि ही है और यह राज्य धान का कटोरा कहलाता है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय कहते है कि एक दौर ऐसा था जब किसानों के पास उन्नत और बेहतर खेती के लिए पूंजी नहीं होती थी। किसानों को साहूकारों से ऊंची ब्याज दर पर रकम लेकर खेती-किसानी करने पड़ती थी। किसान हमेशा कर्ज में फंसे रहते थे। इस स्थिति को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने किसानों के हित में सबसे बड़ा कदम उठाया और किसान क्रेडिट कार्ड की योजना लागू की। इससे किसानों को कम दर पर सोसायटियों एवं बैंकों से कर्ज मिलने लगा।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2003 में छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में पहली बार भाजपा की सरकार बनी, उस समय सहकारी बैंकों से किसानों को रियायती ब्याज दर पर खेती के लिए कर्ज मिलता था, जिसे धीरे-धीरे घटाकर शून्य प्रतिशत कर दिया गया है। किसानों को बिना ब्याज के खेती-किसानी के लिए ऋण देने का काम छत्तीसगढ़ की रमन सरकार के दौर में शुरू हुआ था। आज भी किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर खेती के लिए लोन मिल रहा है। फसल बीमा जिसका लाभ पूरे देश के किसानों को सहजता से मिल रहा है। इसका श्रेय भी तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है। उनके कार्यकाल में ही फसल बीमा योजना का सरलीकरण किया गया।
छत्तीसगढ़ में किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री सिंचाई योजना लागू की गई है। सौर सुजला योजना के माध्यम से सरकार ने दूरस्थ वनांचल में, जहां बिजली की सुविधा नहीं है, वहां किसानों के खेतों में भी इस योजना के माध्यम से सौर सुजला सिंचाई पंप स्थापित कर सिंचाई की व्यवस्था की गई है। राज्य में सिंचाई रकबे में विस्तार के लिए नवीन सिंचाई योजना के लिए 300 करोड़ रूपए, लघु सिंचाई की चालू परियोजनाओं के लिए 692 करोड़ रूपए, नाबार्ड पोषित सिंचाई परियोजनाओं के लिए 433 करोड़ रूपए एवं एनीकट तथा स्टाप डेम निर्माण के लिए 262 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है।

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