मजबूत सरकार का पता तो उसके तेवर से ही चलता है। पीएम मोदी ने अपने लाल किले से दिए स्वतंत्रता दिवस पर दिए भाषण में वही तेवर दिखाए जो पिछले 15 अगस्त जैसे थे। उनकी कही गई बातों से कहीं से नहीं लगा किसी को वह साझा कमजोर सरकार केे पीएम हैं। हमेशा की तरह उन्होंने अपने भाषण मे संकेत दिया कि इस साल वह क्या करने वाले हैं तथा आने वाले समय में वह क्या करना चाहते हैॆ.यह पीेएम मोदी की खासियत है कि वह कोई भी बड़ा काम करते हैं तो उसके संकेत पहले दे देते हैं। जो समझदार लोग है,वह समझ जाते हैं कि आने वाले दिन में पीएम मोदी क्या बड़ा करने वाले हैंं। इस पांच साल में सरकार क्या क्या बड़ा काम कर सकती है।
कुछ लोग उम्मीद कर रहे थे कि अब तो साझा सरकार है, वह भ्रष्टाचार के मामले में पहले जैसे मजबूती से काम नहीं कर पाएंगे। उन्होंने संसद में भी कहा था कि भ्रष्टाचार के मामले में पहले की तरह कार्रवाई की जाएगी। अब 15अगस्त के भाषण में भी उन्होने दोहराया कि भ्रष्टाचार करने वाले के खिलाफ तेजी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए नया ईडी का डायरेक्टर भी चुन लिया गया है. माना जाता है कि राहुल नवीन भी ईमानदार व भ्रष्टाचार करनेवालों के बख्शने वाले अधिकारी नहीं है। वह वैसे ही अधिकारी है जैसे पिछले अधिकारी थे। मानने वाले तो इसे भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी करने का संकेत मान रहे है। बीच में राहुल गांधी ने जो रात को कहा था कि मुझे भी गिरफ्तार किया जा सकता है, हो सकता हो उनको कहीं से भनक लग गई हो राहुल नवीन को ईडी का नया डायरेक्टर बनाया जा रहा है। बताया जाता है कि राहुल गांधी से पिछली बार जो पूछताछ हुई थी, राहुल नवीन ने ही की थी। यानी राहुल गांधी जानते हैं कि वह कैसे अधिकारी हैं।
हमेशा की तरह पीएम मोदी ने अपने भाषण में नेशन फर्स्ट की बात कही है। पीएम मोदी शुरू से ही देश पहले की बात करते रहे हैं।देखा जाए जो उनको अपने काम का राजनीतिक लाभ जरूर मिला है लेकिन उन्होंने कई काम राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किए हैं। वह देश हित में देश के लिए काम करने वाले नेता हैं, चाहे धारा-370 हटाना हो, नोटबंदी लागू करना हो,जीएसटी लागू करना हो, अग्निवीर योजना हो, वक्फ संशोधन बिल हो, पुराने कानून समाप्त करना हो, उनकी जगह नए कानून बनाना हो, सब सुधार के काम है। देश के हर क्षेत्र में सुधार की जरूरत है और पिछली जितनी सरकारे रहीं है चाहे वह कांग्रेस की सरकार हो या गैर कांग्रेस सरकार, वह सुधार करना नहीं चाहते थे या सुधार करने लायक नही थे। बहुमत की सरकार है इसलिए पीएम मोदी यह सुधार का काम कर पा रहे हैं, जनता उन्हें चुनती ही इसलिए है कि वह जानती है कि यही एक ऐसा नेता है जो चाहता है कि भारत के जिस क्षेत्र में भी सुधार की जरूरत है, वह कैसे किया जा सकता है।
अपने भाषण में उन्होने एक नेशन-एक इलेक्शन की बात कही है तो यह भी देशहित में किया जाने वाला काम है। उन्होंने इस बार एक नए शब्द की प्रयाेग किया है, वह है सेकुलर यूसीसी। उनका कहना है कि देश में जो समान नागरिक संहिता लागू है, वह सांप्रदायिक है, वह उसकी जगह सेकुलर यूसीसी लाना चाहते हैं। उन्होंने इसके लिए देश में चर्चा की जरूरत बताई है तथा कहा है कि वह चाहते हैं कि हर वर्ग, हर क्षेत्र के लोग इस पर अपना सुझाव दे, उसके सभी के सुझाव के आधार पर देश में एक सेकुलर यूसीसी लागू किया जाएगा। यह एक तरह से कांग्रेस पर उसी के हथियार से किया गया हमला है।
कांग्रेस घर्मनिरपेक्षता के हथियार से भाजपा पर हमला करती रही है और उसे सांप्रदायिक बता कर राजनीति में अछूत बनाए रखा था। अब मोदी उसी घर्मनिरपेक्षता के हथियार से कांग्रेस पर हमलावर है और उसे सांप्रदायिक राजनीति करने वाली पार्टी बता रहे हैं। यह सच भी है कांग्रेस ने धर्मनिरपेक्षता की आड़ में मुस्लिम तुष्टिकरण किया है तो यह सांप्रदायिक राजनीति तो है। देश मे हिंदू कोड बिल लाया गया और मुसलमान को छोड़ दिया गया। समान नागरिक संहिता तो तब होती जब दोनों के लिए समान कानून लाया जाता। इसी को तो पीएम मोदी सांप्रदायिक यूसीसी कह रहे है। वह सेकुलर यूसीसी लाने की बात कर रहे है तो उसमें सभी के लिए समान कानून होगा।
अब कांग्रेस सेकूलर यूसीसी का विरोध कर नहीं सकती। क्योंकि माना जाएगा कि वह सेकुलर नहीं है, इसलिए सेकुलर यूसीसी का विरोध कर रही है। अपने 15 अगस्त के भाषण में मोदी ने वह सब बताया है जो वह भारत के करना चाहते थे और किया है, और वह सब भी बताया है जो विकसित भारत के लिए करना चाहते है।उनका सबसे बड़ा लक्ष्य विकसित भारत है। इसी की बात कर मोदी देश के सबसे बड़े नेता बन जाते हैं क्योंकि और कोई नेता विकसित भारत की बात नहीं करता है। वह जाति की बात करते है, आरक्षण की बात करते हैं, लोकतंत्र की बात करते है, संविधान की बात करते हैं तो वह यह नहीं बता पाते हैं कि इससे देश का कैसे विकास होगा, देश कैसे बड़ा बनेगा। यही बड़ा फर्क है पीएम मोदी व देश के बाकी नेताओं में, मोदी देश को बड़ा बनाना चाहते हैं और बाकी नेता खुद को बड़ा बनाना चाहते हैं, अपनी पार्टी को बड़ा बनाना चाहते हैं।