नई दिल्ली। राष्ट्ररक्षा की शपथ लेकर 602 अग्निवीर सेना का हिस्सा बने। लेफ्टीनेंट जनरल ने पासिंग आउट परेड की सलामी ली। कहा कि सेना में आने के बाद देश पहले है। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अग्निवीरों को पदक देकर सम्मानित किया।
अनुशासन और डि्रल देखकर बधाई दी। मंगलवार को राजपूत रेजीमेंट सेंटर के करियप्पा मैदान में पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के लिए मैदान को फूलों से सजाया गया। चौथे बैच की परेड़ को देखते के लिए अग्निवीरों के परिजन भी पहुंचे। विगुल बजते ही मुख्य अतिथि ले. जनरल हरजीत सिंह शाही सलामी मंच पर पहुंचे। परेड़ का बारीकी से निरीक्षण करने के बाद उन्होंने सलामी ली।
परेड की अगुवाई अग्निवीर शिवम तिवारी ने की। सलामी मंच के सामने से सिर पर लाल साफा बांधे, सीना फुलाए जवान गुजरे तो दर्शक दीर्घा में मौजूद सैन्य अधिकारियों के साथ ही अग्निवीरों के परिजनों ने तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाया। कहा कि देश की सुरक्षा के लिए आम युवा से सैनिक बनने का सफर कठिन होता है।
इसके लिए जवान को तपना पड़ता है। कहा कि सेना में आने के बाद अब रेजीमेंट का ध्येय वाक्य विजय या वीरगति का अनुसरण करना होगा।
जवान को हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। अव्वल दर्जे का प्रशिक्षण लेकर हर एक जवान दुश्मन पर भारी पड़ेगा। अपने संबोधन में ले. जनरल ने कहा कि सेना के बेड़े में शामिल होने के बाद सभी जवानों के लिए देश की सुरक्षा सबसे पहले है।
रेजीमेंट की इज्जत और सम्मान के साथ ही अग्निवीर को अपने परिवार के दायित्व के साथ स्वयं की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उठानी होगी। मैदान में प्रशिक्षण और पहाड़ पर मोर्चा के लिए जवानों को तैयार किया जाता है। इसके लिए डि्रल, वेपन हैंडलिंग, फायरिंग, फील्ड बैटल क्राफ्ट, मैप रीड़िग के साथ ही शारीरिक रूप से फौलाद बनाने का काम अनुभवी प्रशिक्षक करते हैं।
इतिहास गवाह है कि युद्ध के मैदान में भारतीय सेना का प्रत्येक जवान दुश्मन की फौज पर भारी पड़ता है। इस दौरान सेंटर कमांडेट ब्रिगेडियर एचएस संधू, डिप्टी कमांडेट कर्नल रोहित पंत, सीओ ट्रेनिंग कर्नल अंशुमान त्रिपाठी, ले. कर्नल अरुण कुमार मौर्य, दंडपाल मुकुल कुमार, सेंटर एसएम मेजर कप्तान सिंह, सूबेदार मेजर बजरंग सिंह, संजीव कुमार आदि मौजूद रहे।