लखनऊ। लोकसभा चुनाव के झटकों से उबरने की कोशिश में जुटी भाजपा सरकारों ने अपने-अपने क्षेत्रों में रोजगार निर्माण के लिए खजाने का मुंह खोल दिया है। केंद्र सरकार ने बजट में अनेक प्रावधान कर भारी संख्या में रोजगार निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है। इसमें ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश भी शामिल है।
इसी दिशा में काम करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने भी ऊर्जा क्षेत्र में लगभग 84 हजार करोड़ रुपये के निवेश की योजना तैयार की है। इससे देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बिजली आपूर्ति की स्थिति को बेहतर किया जा सकेगा। साथ ही आने वाले समय में प्रदेश के उद्योगों को पर्याप्त बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जा सकेगी।
अनुमान है कि इस 84 हजार करोड़ रुपये के कुल निवेश से भारी संख्या में रोजगार का सृजन होगा जिसका लाभ प्रदेश के युवाओं को होगा।
दरअसल, देश की बढ़ती आबादी से ऊर्जा की खपत में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्तमान बिजली उत्पादन की क्षमता इस बढ़ी मांग को पूरा करने में नितांत असफल सिद्ध हो रही है। इसे देखते हुए नई बिजली परियोजनाओं में निवेश करना आवश्यक हो गया था।
इसे देखते हुए ही उत्तर प्रदेश में पीपीपी मॉडल से बिजली की परियोजनाओं में निवेश कर ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। जानकारी के अनुसार इस योजना के अंतर्गत लगभग 53 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा चुका है जिसकी योजनाएं अपने अंतिम चरण में हैं, जबकि 16 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं वर्तमान में चल रही हैं। शेष लगभग 14 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं का कार्य अभी शुरू किया जाना है।