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हवाई हमले में मारे गए 9 फिलिस्तीनी

गाजा। खान यूनिस शहर से लोगों का विस्थापन फिर से शुरू हो गया है. इजरायली सेना की तरफ से मैसेज मिलने के बाद लोगों को अपनी जान बचाने के लिए पलायन को मजबूर होना पड़ रहा है. अमेरिका ने भी इजरायली कार्रवाई का समर्थन किया है. बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं और नौजवान सभी अपनी जान बचाने के लिए अपने हाथों में सामान लिए निकल पड़े हैं।

कोई पैदल, कोई साइकिल से तो कोई दूसरे वाहन से इज़रायली हमलों से बचने के लिए खान यूनिस को छोड़ने पर मजबूर हो गया है. इनमें से इमान अबू दका नाम की महिला भी एक है. उसकी आंखों में आंसू हैं. वो यूरोपियन अस्पताल में 7 महीने रहने के बाद अपने घर लौटी थीं, लेकिन आज वो एक बार फिर से पैदल ही निकलने को मजबूर हो गई हैं।

दरअसल इन्हें इजरायली फोन नंबरों से गाजा के पूर्वी खान यूनिस के लोगों को घरों को छोड़ने का ऑडियो संदेश मिला है. इसके बाद लोग यहां से जाने को मजबूर हो गए हैं. वहीं आईडीएफ का आरोप है कि इस्लामिक जिहाद ने सोमवार को करीब 20 रॉकेटों की बौछार की, लेकिन इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. इसके बाद इजरायली सेना उनके ठिकानों पर हमले कर रही है. पूरी रात चले इस हमले में करीब 9 लोगों के मारे जाने की बात सामने आ रही है. इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं।
हमास और इजरायल के बीच संघर्ष को पूरे 9 महीने हो गए हैं. इस जंग में अब तक करीब 38 हज़ार फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल में हमला कर 1200 लोगों को मार डाला था, जबकि 250 लोगो को बंधक बना लिया था. इनमें कुछ को सशर्त रिहा किया गया. कुछ मारे गए और करीब 150 बंधक आज भी हमास की कैद में हैं।

इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच जंग के हालात

इधर, इजरायल और लेबनान के हिजबुल्लाह के बीच टकराव लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ये टकराव कभी भी भीषण जंग में तब्दील हो सकता है. ऐसे में इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने लेबनान से लगती सीमा का दौरा किया और सैनिकों से मुलाकात कर ताजा हालात का जायजा लिया।

बॉर्डर पर पहुंचे इजरायली रक्षा मंत्री ने कहा था कि इजरायल शांति चाहता है, लेकिन हिजबुल्लाह यदि हमले जारी रखता है तो इजरायल जंग से पीछे नहीं हटेगा. हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि उत्तर में सैन्य टकराव का एक राजनीतिक विकल्प भी तैयार किया जा रहा है।

रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा था, “हमारे विकल्प महत्वपूर्ण हैं. हम दोनों पर काम कर रहे हैं. पहला कि सशक्त सैन्य बल को तैयार करना. दूसरा राजनीतिक विकल्प तैयार किया जा रहा है. यह हमेशा बेहतर होता है. हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन मजबूर किया गया तो किसी को छोड़ेंगे नहीं।

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