रायपुर। छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के बीच बसों का संचालन अब खतरे में आ गया है। छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने इस विवाद को सुलझाने के लिए 8 जून को रायपुर में बैठक बुलाई है। इस बैठक में ओड़िशा के आपरेटर्स को भी बुलवाया गया है। महासंघ के अध्यक्ष सै. अनवर अली तथा पदाधिकारियों की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि ओड़िशा के बस आपरेटर्स रायपुर में होने वाली इस बैठक में आएं और बातचीत कर मामला सुलझा लें। यह चेतावनी भी दी गई है कि अगर ऐसा नहीं हुआ और छत्तीसगढ़ से जाने वाली बसों को ओड़िशा के आपरेटर्स रोकते रहे, तो 11 जून से यहां से जाने वाली बसें तो बंद की ही जाएंगी, ओड़िशा की एक भी बस को किसी भी बार्डर से छत्तीसगढ़ में घुसने नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है, छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के बीच सिर्फ रायपुर से 50 से ज्यादा बसों का आना-जाना है और दोनों राज्यों के बीच रोजाना 10 हजार से ज्यादा लोग यात्रा करते हैं, जो इस विवाद से सीधे प्रभावित होने जा रहे हैं।
महासंघ ने बस मालिकों को भेजी मीटिंग की सूचना
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ ने 8 जून को प्रस्तावित बैठक की बाकायदा लिखित सूचना जारी की है। द स्तंभ के पास इसकी एक कापी है। इसमें ओड़िशा के बस आपरेटर्स के प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर भी हैं। यातायात महासंघ के अध्यक्ष अनवर अली का कहना है कि इस मामले में छत्तीसगढ़ के आपरेटर्स लगातार बातचीत से विवाद सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ओड़िशा के आपरेटर्स मान नहीं रहे हैं। इसीलिए उन्हें भी बैठक में बुलाया गया है, ताकि आखिरी बार चर्चा हो सके। ओड़िशा के बस आपरेटर्स बैठक में नहीं आते हैं, या आकर मुद्दे सुलझाने के लिए तैयार नहीं होते हैं, तब यातायात महासंघ भी कार्रवाई शुरू कर देगा। 10 जून के बाद छत्तीसगढ़ से एक भी बस ओड़िशा नहीं भेजी जाएगी। यही नहीं, ओड़िशा से आने वाले बसों को छत्तीसगढ़ की किसी भी सीमा से घुसने नहीं दिया जाएगा और जैसा वहां हो रहा है, अब वही प्रतिक्रिया यहां भी होगी।
परिवहन विभाग भी यहां के बस वालों के पक्ष में
छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ और यहां के आपरेटर्स पिछले कुछ माह से लगातार शिकायतें कर रहे हैं कि यहां से जाने वाली बसों को ओड़िशा के आपरेटर्स बार्डर के आसपास रोककर सवारी उतार रहे हैं और बसों को लौटा भी रहे हैं। छत्तीसगढ़ के परिवहन विभाग के अपर आयुक्त आईपीएस डी रविशंकर भी कह चुके हैं कि यात्रियों को उतारने का मामला गंभीर है। चूंकि पारस्परिक समझौते के आधार पर दोनों राज्यों के आपरेटर्स को बसों के परमिट जारी किए गए हैं, इसलिए छत्तीसगढ़ शासन इसे समझौते का उल्लंघन भी मान रहा है। यही वजह है कि पिछले एक हफ्ते से परिवहन विभाग ने ओड़िशा से आने वाली बसों की पूरे छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ जांच शुरू कर दी है। बसों में नियमों का उल्लंघन इतना ज्यादा है कि बड़े-बड़े चालान भी किए जा रहे हैं।