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महाकुंभ भगदड़: 20 की मौत, 50 से ज्यादा घायल

प्रयागराज। महाकुंभ में मंगलवार (28 जनवरी) देर रात भगदड़ मच गई। संगम तट पर करीब डेढ़ बजे मची भगदड़ में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई। 50 से ज्यादा घायल हैं।

भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने बुधवार (29 जनवरी) को मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द करने का ऐलान किया। हालांकि, बाद में भीड़ घटने के साथ ही बिना शोभा यात्रा के साथ सभी अखाड़ों ने अमृत स्नान किया।। प्रशासन संगम त्रिवेणी घाट पर फिलहाल आम श्रद्धालुओं को एंट्री नहीं दे रहा है।

अफवाह के कारण मची भगदड़
मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे संगम नोज पर अचानक भगदड़ मची। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, किसी अफवाह के कारण श्रद्धालुओं में घबराहट फैल गई और भीड़ बेकाबू हो गई। अफरातफरी के दौरान कुछ महिलाएं नीचे गिर गईं, जिसके बाद लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गए। इस घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति को काबू में लाने के लिए एनएसजी कमांडो को तैनात कर दिया है। वहीं, श्रद्धालुओं की भीड़ को काबू करने के लिए संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।

पीएम मोदी ने हादसे पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ की घटना पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें अपने प्रियजनों को खोने वाले श्रद्धालुओं के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। पीएम मोदी ने योगी आदित्यनाथ से भी बात की और स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने प्रशासन को पीड़ितों की हरसंभव मदद के निर्देश दिए।

शिवसेना नेता संजय राउत ने यूपी सरकार को घेरा
इस हादसे को लेकर विपक्ष ने यूपी सरकार पर निशाना साधा है। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि योगी सरकार महाकुंभ मेले के प्रचार-प्रसार में लगी रही, लेकिन व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब गृह मंत्री और रक्षा मंत्री स्नान के लिए पहुंचे, तो पूरा क्षेत्र सील कर दिया गया, जिससे आम श्रद्धालुओं को भारी परेशानी हुई। राउत ने कहा, “1954 में पंडित नेहरू खुद महाकुंभ की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने गए थे, लेकिन आज के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री उतने सक्रिय नहीं दिख रहे।
रेलवे ने भगदड़ के बाद दी सफाई
महाकुंभ में भगदड़ के बाद रेलवे ने स्थिति स्पष्ट की। रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता दिलीप कुमार ने कहा कि मौनी अमावस्या पर भीड़ को संभालने के लिए रेलवे ने व्यापक योजना बनाई थी। उन्होंने कहा, “हमारी योजना थी कि जब श्रद्धालु स्नान के बाद घर लौटेंगे, तो अधिक संख्या में अनारक्षित श्रेणी की ट्रेनें चलाई जाएंगी। लेकिन हादसे के बाद कुछ ट्रेनों को अस्थायी रूप से रोका गया था। अब स्थिति नियंत्रण में है।” इस बीच, प्रशासन ने कुंभ क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए आसपास के जिलों से डॉक्टरों को भेजने के निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने साधा निशाना
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सरकार की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “इस हादसे ने यूपी सरकार की असफलता को उजागर कर दिया है। सरकार ने कुंभ के नाम पर सिर्फ ब्रांडिंग और मार्केटिंग की, लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा की चिंता नहीं की।” उन्होंने मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा और घायलों के निशुल्क इलाज की मांग की। वहीं, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ के आयोजन को सेना के हवाले कर देना चाहिए था।
भगदड़ मचने की वजह आई सामने
भगदड़ के पीछे प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आई है। पहला कारण यह बताया जा रहा है कि अमृत स्नान के दौरान अधिकतर पोंटून पुलों को बंद कर दिया गया था, जिससे लाखों की भीड़ संगम क्षेत्र में जमा हो गई। इस दौरान कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स में फंस गए और गिर पड़े, जिससे भगदड़ की अफवाह फैल गई। दूसरा कारण संगम नोज क्षेत्र में प्रवेश और निकास मार्गों का अलग न होना रहा। श्रद्धालु उसी रास्ते से लौट रहे थे, जिससे वे आए थे, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु ने जताया दुख
हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शोक जताया है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना बेहद दुखद है। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। वहीं, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बातचीत की और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि घायलों के इलाज के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से मदद करेगी। इस बीच, बाबा रामदेव ने कहा कि यह हादसा दुखद है, और कुंभ में सभी को अनुशासन बनाए रखना चाहिए।

अब हालात काबू में: सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी ने सुबह करीब 11 बजे कहा कि अब हालात काबू में हैं, लेकिन भीड़ बहुत बड़ी है। विभिन्न अखाड़ों के संतों ने विनम्रतापूर्वक श्रद्धालुओं से कहा है कि पहले वे पवित्र स्नान करें और जैसे-जैसे भीड़ कम होगी, अखाड़े स्नान के लिए जाएंगे। संगम नोज, नाग वसुकी मार्ग और संगम मार्ग पर भारी भीड़ है। मैं श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि वे किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। पूरे कुंभ क्षेत्र में घाट बनाए गए हैं, श्रद्धालुओं को केवल संगम नोज की ओर नहीं बढ़ना चाहिए। उन्हें नजदीकी घाटों पर पवित्र स्नान करना चाहिए। हम घायलों के इलाज का उचित प्रबंध कर रहे हैं। रेलवे ने प्रयागराज क्षेत्र के विभिन्न स्टेशनों से श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य पर वापस लाने के लिए विशेष ट्रेनें संचालित की हैं।

सीएम योगी ने कहा कि आज प्रयागराज में लगभग 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं। संगम नोज की ओर श्रद्धालुओं के बढ़ते रुझान के कारण लगातार दबाव बना हुआ है। कुछ श्रद्धालु जब अखाड़ा मार्ग पर बैरिकेडिंग पार करने का प्रयास कर रहे थे, तो गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में भेजा गया है। मौनी अमावस्या के मुहूर्त के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। अब तक प्रधानमंत्री ने स्थिति का जायजा चार बार लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी लगातार रिपोर्ट ले रहे हैं।
सुबह करीब 11 बजे संत छोटे जुलूसों में संगम तट पर हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए स्नान करने के लिए संंगम तट पर पहुंचे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि भीड़ को देखते हुए हम अपने देवों को स्नान कराएंगे। इसके साथ ही जिन संतों का स्नान करना अति आवश्यक है, वहीं स्नान करेंगे।

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