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शराब घोटाला: ACB की 20 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी, कई कारोबारी राडार पर

रायपुर । छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में एसीबी (ACB) और ईओडब्ल्यू (EOW) की संयुक्त टीम ने एक बार फिर भिलाई, दुर्ग, महासमुंद और धमतरी सहित 20 से ज्यादा ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की है। कार्रवाई मंगलवार तड़के 4 बजे से शुरू हुई और अब तक कई अहम दस्तावेज जब्त किए जा चुके हैं।

घोटाले में संलिप्त नामचीन कारोबारी जांच के घेरे में

छापेमारी में भिलाई के आम्रपाली अपार्टमेंट में अशोक अग्रवाल, नेहरू नगर में बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल, और खुर्सीपार में विनय अग्रवाल के ठिकानों को खंगाला गया। बताया जा रहा है कि अशोक अग्रवाल पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी हैं और शराब घोटाले की कड़ी में सीधे तौर पर शामिल माने जा रहे हैं।

बसना और सांकरा में भी दबिश
वहीं महासमुंद जिले के बसना और सांकरा कस्बे में भी ईओडब्लू की टीम ने दबिश दी है। इस कार्रवाई से जिले भर में हड़कंप मच गया है। सांकरा में कैलाश अग्रवाल और बसना में जय भगवान अग्रवाल के यहां ईओडब्लू का छापा पड़ा है। दो वाहनो में पहुंची 20 सदस्यीय टीम रिकार्ड खंगालने मे जुटी है।

भिलाई के अम्रपाली सोसायटी में जांच जारी
उधर दुर्ग से मिली जानकारी के मुताबिक, इओडब्लू और एसीबी की टीम भिलाई के अम्रपाली सोसायटी में कार्रवाई रही है। शराब घोटाले मामले में जाँच के लिए यहां पहुंची है टीम। औद्योगिक क्षेत्र हाउसिंग बोर्ड B-29 में टीम पहुंची है। कारोबारी अशोक अग्रवाल का यह घर है। अशोक अग्रवाल का पूर्व खुर्सीपार में भी निवास है।

फैक्ट्री से मिले अहम दस्तावेज
छावनी चौक भिलाई के पास स्थित अशोक अग्रवाल की फेब्रिकेशन फैक्ट्री में भी टीम ने जांच की। अधिकारियों को उम्मीद है कि यहां से शराब घोटाले से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हाथ लग सकते हैं।

कार्रवाई का दूसरा बड़ा दौर
एसीबी और ईओडब्ल्यू की ये छापेमारी 3 दिन पहले कवासी लखमा और उनके करीबियों के 13 ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद का दूसरा बड़ा चरण है। उस दौरान टीम ने 19 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन, बैंक दस्तावेज और जमीन से जुड़ी फाइलें जब्त की थीं।

किन शहरों में हुई कार्रवाई
भिलाई और दुर्ग – 22 स्थानों पर
धमतरी और महासमुंद – कई प्रमुख कारोबारियों के घर और कार्यालय
नेहरू नगर, खुर्सीपार, छावनी चौक – विशेष रूप से निशाने पर रहे

आगे की जांच जारी
सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी आने वाले दिनों में और तेज हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि यह घोटाला करोड़ों रुपये के अवैध लेन-देन और कमीशन के माध्यम से संचालित हुआ है, जिसमें कई रसूखदार नाम सामने आ सकते हैं।

ACB-EOW की ताजा छापेमारी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। अब नजर इस बात पर है कि आने वाले दिनों में कौन-कौन से बड़े नाम इस मामले में बेनकाब होंगे और कानून की गिरफ्त में आएंगे।

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