100 रुपये कमाने को रेलवे को खर्च करने पड़ते हैं कितने पैसे
नई दिल्ली. भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. लाखों लोग हर रोज भारत में ट्रेनों में सफर करते हैं. हमारे देश में हर ट्रेन लगभग खचाखच भरकर ही चलती है. ऐसे में आम आदमी को लगता है कि रेलवे खूब मुनाफा काट रहा है. लेकिन, ऐसा है नहीं. रेलवे को खर्चा भी खूब करना पड़ता है. यही कारण है कि पिछले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में रेलवे को 100 रुपये कमाने के लिए 98.10 रुपये खर्च करने पड़े. आय-व्यय के इस हिसाब-किताब को ऑपरेटिंग रेश्यो कहते हैं. पिछले दिनों संसद में यह जानकारी देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कोरोना के बाद रेलवे ने 2022-23 में 98.10 प्रतिशत के परिचालन अनुपात के साथ 2,40,177 करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक राजस्व प्राप्त किया.दरअसल, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य जवाहर सरकार ने पूछा था कि क्या भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने कहा है कि भारतीय रेलवे वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान ‘चिंताजनक’ स्थिति में पहुंच गया था. टीएमसी नेता ने पिछले पांच वर्षों में रेलवे का वर्षवार परिचालन अनुपात बताने की भी मांग की थी.
जवाहर सरकार के सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा कि कैग ने 2023 की अपनी तेरहवीं रिपोर्ट में मार्च 2022 के अंत तक रेलवे के वित्त की जांच की और अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कीं. उन्होंने कहा- ‘वर्ष 2021-22 में भी कोविड-19 के चलते हुई परेशानियों से रेलवे संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा. इसके बावजूद रेलवे ने 2020-21 में 1,91,367 करोड़ रुपये की कुल प्राप्तियां हासिल कीं जो इससे पिछले वित्त वर्ष के 1,40,783 करोड़ रुपये की तुलना में 50,584 करोड़ रुपये ज्यादा थी.
क्या होता है ऑपरेटिंग रेश्यो
ऑपरेटिंग रेश्यो रेलवे की आर्थिक सेहत आंकने का पैमाना होता है. ऑपरेटिंग रेश्यो यह बताता है कि भारतीय रेलवे हर 100 रुपया कमाई के लिए कितना खर्च करती है. अगर ऑपरेटिंग रेश्यो 95 फीसदी है तो इसका मतलब कि रेलवे ने 100 रुपये कमाने के लिए 95 रुपये खर्च किए. इसी तरह ऑपरेटिंग रेश्यो अगर 105 रुपये है तो इसका मतलब है कि 100 रुपये कमाने पर 105 रुपये खर्च हो रहे हैं. पांच साल के आंकड़ों से पता चलता है कि रेलवे ने 100 रुपये कमाने के लिए 2018-19 में 97.30 रुपये, 2019-2020 में 98.36 रुपये और 2020-2021 में 97.45 रुपये और 2021-22 में 107.39 रुपये खर्च किए.