रायपुर। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया कि प्रदेश सहित पूरे देश में व्यापारी वर्ग 15 जनवरी से लेकर 15 जुलाई तक चलने वाले वर्तमान विवाह सीजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं। एक अनुमान के अनुसार इस अवधि के दौरान प्रदेश सहित देश भर में लगभग 42 लाख विवाह आयोजित होने की संभावना है, जिससे विवाह संबंधित खरीदारी और सेवाओं के माध्यम से लगभग 5.5 लाख करोड़ रुपये की भारी धन राशि देश भर के बाज़ारों में आएगी। यह आँकलन कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा देश के विभिन्न राज्यों के 30 विभिन्न शहरों के व्यापारी और सेवा प्रदाताओं से बातचीत के आधार पर किया गया है ।
राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश सहित देश भर में लगभग 42 लाख विवाह आयोजित होने की संभावना है जिससे करीब ₹ 1.5 लाख करोड़ का व्यापारिक राजस्व मिलेगा। पिछले साल, 14 दिसंबर को समाप्त हुए विवाह सीजन में लगभग 35 लाख विवाह हुए थे, जिनके खर्च का अनुमान ₹ 4.25 लाख करोड़ था। इस विवाह सीजन के दौरान, अनुमान है कि लगभग 5 लाख विवाह की प्रति विवाह लागत ₹ 3 लाख होगी, जबकि लगभग 10 लाख विवाह की प्रति विवाह की लागत लगभग ₹ 6 लाख होगी।
इसके अतिरिक्त, 10 लाख विवाहों की अनुमानित लागत प्रति विवाह ₹ 10 लाख होगी, वहीं 10 लाख विवाह की लागत ₹ 15 लाख प्रति विवाह होगी। जबकि 6 लाख विवाह ₹ 25 लाख की लागत से होना अपेक्षित है। इसके अलावा 60 हजार विवाह जिनकी लागत प्रति विवाह ₹ 50 लाख होगी, और 40 हजार विवाह जिनकी लागत ₹ 1 करोड़ से अधिक होगी। समग्र रूप से, इस छह महीने के दौरान, विवाह संबंधित खरीदारियों एवं सेवाओं के ज़रिये से लगभग ₹ 5.5 लाख करोड़ के व्यापार का अनुमान है।
पारवानी एवं दोशी ने कहा कि इस वैवाहिक माँग को देखते हुए देश भर के संबंधित व्यापारियों ने विवाह संबंधित सामग्रियों की पर्याप्त स्टॉकिंग की है ताकि ग्राहकों की पसंद और मांग को पूरा किया जा सके। उन्होंने बताया कि प्रत्येक विवाह के लिए लगभग 20 प्रतिशत खर्च दुल्हन और दुल्हे के पक्ष को को जाता है, जबकि 80 प्रतिशत खर्च विवाह आयोजन को संपन्न कराने में शामिल तीसरी पक्षीय एजेंसियों को जाता है। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि विवाह सीजन से पहले, घर की मरम्मत और पेंटिंग में काफी व्यवसाय होता है। इसके अलावा, आभूषण, साड़ी, लहंगा-चुनरी, फर्नीचर, रेडीमेड कपड़े, कपड़े, जूते, विवाह और शुभकार्य कार्ड, सूखे मेवे, मिठाई, फल, पूजा वस्त्र, किराना, अनाज, सजावटी वस्त्र, घर की सजावट, इलेक्ट्रिकल यूटिलिटीज, इलेक्ट्रॉनिक्स, और विभिन्न उपहार आइटम आदि की माँग सबसे अधिक होती है जिनको उस सीजन में बड़ा व्यापार मिलने की बड़ी उम्मीद है।
पारवानी एवं दोशी ने कहा कि शादियों के लिए बैंक्वेट हॉल, होटल, ओपन लॉन, समुदाय केंद्र, सार्वजनिक पार्क, फार्महाउस, और विभिन्न अन्य विवाह स्थलों को दिल्ली सहित पूरे देश में पूरी तरह से बुक कर लिया गया है। हर विवाह की खरीदारी के अलावा,टेंट डेकोरेशन,विवाह स्थल की सजावट, फूलों की सजावट, क्रोकरी, केटरिंग सेवाएं, यात्रा सेवाएं, कैब सेवाएं, पेशेवर स्वागत समूह, सब्जी विक्रेता, फोटोग्राफर, वीडियोग्राफर, बैंड, संगीत कलाकार , डीजे सेवाएं, विवाह बारात के लिए घोड़े, बग्घी, लाइट,ढोल, ताशे, नफ़ीरी, शहनाई सहित अनेक अन्य सेवाओं को भी बड़ा व्यापार मिलता है। और कई अन्य सेवाओं की भी बड़ी मांग हैं। इसके अतिरिक्त, विवाह सामग्रियों और उपहार आइटम की पैकेजिंग तथा इवेंट मैनेजमेंट शादियों के सीजन के लिए एक बड़े व्यापार के रूप में स्थापित हुए हैं। ध्यान देने योग्य है कि विवाह सीजन में सेवाओं के क्षेत्र में बड़ी मात्रा में लोगों को रोज़गार भी मिलता है।