विदेश

रूस जल्द बना लेगा खतरनाक कैंसर बीमारी के इलाज की वैक्सीन

यूक्रेन:- यूक्रेन से जंग के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि रूस दुनिया खतरनाक लाइलाज बीमारी के लिए वैक्सीन बनाने पर तेजी से काम कर रहा है। साथ ही पुतिन ने दावा किया कि जल्द ही रूस इस खतरनाक बीमारी के इलाज के लिए वैक्सीन बनाएगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बताया कि वैज्ञानिक इस पर काम कर रहे हैं और वे अंतिम चरण में हैं। अपने एक संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा, ‘हम तथाकथित कैंसर के वैक्सीन और नई पीढ़ी की इम्यूनोमॉड्यूलेटरी दवाओं के निर्माण के बहुत करीब हैं।’

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यह ऐलान मॉस्को फोरम में अपने संबोधन में किया। इस दौरान पुतिन ने कहा कि ‘ मुझे उम्मीद है कि शीघ्र ही वैक्सीन का लोगों के लिए प्रभावी ढंग से इलाज में इस्तेमाल किया जा सकेगा। पुतिन ने हालांकि यह नहीं बताया कि प्रस्तावित वैक्सीन किस तरह के कैंसर के इलाज में उपयोग की जाएगी। कई देश और कंपनियां कैंसर के टीके पर काम हर रही हैं।

रूस ने सबसे पहले बनाया था कोरोना का टीका

जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी की जकड़ में थी और वैक्सीन का इंतजार कर रही थी। तब सबसे पहले रूस ने वैक्सीन बनाने का ऐलान किया था। कोरोना महामारी के दौरान रूस ने कोविड 19 से निपटने के लिए अपना खुद का स्पूतनिक वी वैक्सीन बनाया था। इसे कई देशों को भी बेचा था।

रिटेन कर रहा वैक्सीन का ट्रायल

ब्रिटेन की सरकार ने पिछले वर्ष ‘पर्सनलाइज्ड कैंसर’ के इलाज के लिए क्लिनिकल ट्रायल का आगाज किया था। ब्रिटिश सरकार ने यह टारगेट साल 2030 तक 10 हजार मरीजों ​तक पहुंचने का रखा है। ब्रिटेन, जर्मनी की आयोएनटेक के साथ मिलकर ट्रायल में जुटा है।

कैंसर की वैक्सीन बनाने में और भी कई कंपनियां जुटीं

मॉडर्ना और मर्क एंड जैसी फार्मास्यूटिकल कंपनियां भी कैंसर की वैक्सीन बना रही हैं, जिनका इस्तेमाल कैंसर के मध्य चरण में किया जा सकेगा। रिसर्च के दौरान पता चला कि तीन साल के इलाज के बाद सबसे घातक स्किन कैंसर मेलेनोमा के दोबारा होने या इससे मौत की संभावना आधी हो गई।

 फिलहाल कैंसर के लिए मौजूद हैं ये वैक्सीन

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, वर्तमान में ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के खिलाफ छह लाइसेंस्ड वैक्सीन मौजूद हैं, जो सर्वाइकल कैंसर सहित कई कैंसर का कारण बनते हैं। साथ ही हेपेटाइटिस बी (एचबीवी) के खिलाफ भी टीके हैं, जो लिवर कैंसर का कारण बन सकते हैं।

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