रायपुर। स्टेट जीएसटी विभाग के इन्फ़ोर्समेंट विंग ने राज्य में सभी प्रमुख मार्गों पर ई वे बिल की भी जांच तेज कर दी है। इसी दौरान ई-वे बिल की जांच से दो वाहनो से 24 लाख रु वसूले गए हैं। इसमें चार वाहनो को जब्त कर आगे कार्यवाही की जा रही है। जिन वाहनो से टैक्स और पेनाल्टी वसूल किया गया है उनमे कोयला और एमएस वायर बिना ई वे बिल के ले जाया रहा था। ई-वे बिल के आधार पर कार्यवाही करते हुये इन्फ़ोर्समेंट विंग ने रायपुर के रूप लक्ष्मी प्राइवेट लिमिटेड पर छापा मारा। स्टॉक में गड़बड़ी पाये जाने पर संचालक ने अपनी गलती स्वीकार करते हुये 50 लाख रुपए टैक्स मौके पर ही सरेंडर किए। अभी आगे की कार्यवाही चल रही है जिसमे और टैक्स जमा होने की संभावना है। ऐसे ही एक बेनामी गोदाम से भी 30 लाख रु. मूल्य का माल जब्त किया गया है।
द्वारा एडवांस आईटी टूल्स का प्रयोग कर चोरी पकड़ने में किया जा रहा है। प्रत्येक संदिग्ध सप्लाई पर विभाग की नजर है। आईटी टूल्स से प्राप्त आंकड़ो के विश्लेषण के आधार पर स्टेट जीएसटी द्वारा बोगस फ़र्मों के नेटवर्क को भी पकड़ा गया है, जिन्होंने केवल 2022-23 मे 45 करोड़ रु बोगस आई टीसी का क्लैम किया है। इन बोगस फ़र्मों पर अभी कार्यवाही चल रही है इस प्रकरण में 20 करोड़ रु के आईटीसी को ब्लॉक कर दिया गया है। कोरबा मे इंफोर्समेंट विंग द्वारा कंधारी ट्रांसपोर्ट पर छापा मारकर 2.9 करोड़ मौके पर वसूला गया। जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस केस में जांच अभी जारी है और भी टैक्स जमा किया जाना संभावित है। जीएसटी का छापा जत्था ने रायपुर के एक इवेंट मैनेजर और डेकोरेटोर फ्लावर क्वीन पर भी छापा मारा। फ्लावर क्वीन इनके अपने रिटर्न मे फूल बेचना बताते हुए टैक्स नहीं पटाया जा रहा था, जबकि डेकोरेशन पर 18 फीसदी से जीएसटी लगता है। फ्लावर क्वीन द्वारा मौके 60 लाख रु जमा कराया गया है।