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शेयर बाजार में मचा कोहराम, 6 लाख करोड़ का हुआ काम तमाम

Business:-  शेयर बाजार में बुधवार को कोहराम मचता हुआ दिखाई दिया. जिसकी वजह से शेयर बाजार के 16 करोड़ से ज्यादा निवेशकों के 6 लाख करोड़ रुपए डूब गए. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार सेंसेक्स में 800 अंकों की गिरावट देखने को मिली. जबकि निफ्टी 250 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. जानकारों की मानें तो मिडकैप, स्मॉलकैप, माइक्रोकैप में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर बाजार के ओवरवैल्यूड होने की वजह से बाजार में मुनाफावसूली भी देखने को मिली है. दूसरी ओर अमेरिकी में महंगाई के बढ़ने का भी अंदेशा है. जिसकी वजह से फेड अगली साइकिल में ब्याज दरों में इजाफा भी कर सकता है. जिसका असर भी बाजार में साफ देखने को मिल रहा है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर बीएसई और एनएसई के आंकड़ें किस तरह के देखने को मिल रहे हैं.

शेयर बाजार में 800 अंकों की गिरावट

बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स करीब 800 अंकों की गिरावट के साथ 72,299.72 अंकों पर पहुंच गया. मौजूदा समय में सेंसेक्स 454.48 अंकों की गिरावट के साथ 72,640.74 अंकों पर कारोबार कर रहा है. वैसे आज सेंसेक्स 73,162.82 अंकों पर ओपन हुआ था और 73,223.11 अंकों के साथ दिन के हाई पर भी पहुंचा. एक दिन पहले सेंसेक्स 73,095.22 अंकों पर बंद हुआ था. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी में भी 159 अंकों की गिरावट देखने को मिल रही है जिसकी वजह से निफ्टी 22,039.50 अंकों पर कारोबार कर रहा है. वैसे निफ्टी करीब 260 अंकों की गिरावट के साथ 21,938.90 अंकों पर भी चला गया है. वैसे आज निफ्टी 22,214.10 अंकों पर ओपन हुआ था.

बाजार निवेशकों को 6 लाख करोड़ का नुकसान

शेयर बाजार में गिरावट की वजह से निवेशकों को भी बड़ा ​नुकसान हुआ. आंकड़ों के अनुसार एक दिन पहले बीएसई का मार्केट कैप 392 लाख करोड़ रुपए के करीब था. जो आज कम होकर 386 लाख करोड़ रुपए तक आ गया. इसका मतलब है कि निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा. मौजूदा समय में बीएसई का मार्केट कैप 387 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है. जानकारों की मानें तो शेयर बाजार में गिरावट आने वाले ​दिनों में भी देखने को मिल सकती है.

इन कारणों से डूबा बाजार

  1. सेबी का एक्शन : स्मॉलकैप और मिडकैप में ग्रैविटी-डिफाइंग रैली ने सेबी का ध्यान आकर्षित किया है, जिसने म्यूचुअल फंडों से उस सेक्टर्स में जोखिमों के बारे में ज्यादा खुलासा करने को कका है, जहां लिक्विडिटी एक चुनौती हो सकती है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार म्यूचुअल फंडों से यह खुलासा करने के लिए कहा जा रहा है कि बड़े रिडिम्प्शन को अकोम्डेड करने में कितना समय लग सकता है, बड़े आउटफ्लो का पोर्टफोलियो के वैल्यू पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और आउटफ्लो को पूरा करने के लिए फंड के पास कितना कैश और लिक्विड असेट है.
  2. फेड से खत्म होती उम्मीदें : व्यापारी जनवरी के पीसीई डेटा के जारी होने का इंतजार कर रहे हैं, जो फेड दर में बढ़ोतरी को प्रभावित कर सकता है. सीएमई ग्रुप के फेडवॉच टूल के मुताबिक, जून की बैठक में दर में कटौती की उम्मीद घटकर 59 फीसदी रह गई है.
  3. वैल्यूएशन : मार्केट कैप-टू-जीडीपी अनुपात 120 फीसदी से ऊपर बढ़ने के साथ, निवेशकों को वैल्यूएशन में थोड़ी राहत मिल रही है, खासकर ब्रोडर मार्केट में. दिसंबर तिमाही के इनकम सेशन की समाप्ति के बाद, वित्त वर्ष 2025 के लिए उम्मीदें कुल मिलाकर बहुत अधिक नहीं बढ़ी हैं.
  4. ग्लोबल मार्केट : जापान के बाहर एशिया-प्रशांत शेयरों में MSCI का सबसे बड़ा इंडेक्स 0.44 फीसदी कम होकर 525.40 अंक पर आ गया. जो पहले एक मजबूत रैली के बाद लगभग सात महीने के शिखर 531.56 के आसपास था. जापान का बेंचमार्क निक्केई 225 0.3 फीसदी कम हो गया, हांगकांग में हैंग सेंग 1.4 फीसदी फिसला, जबकि शंघाई कंपोजिट 1.9 फीसदी गिर गया.

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