छुईपाली व ढांक टोल प्लाजा टैक्स फ्री हो नहीं तो उग्र प्रदर्शन : संजय चौधरी
सरायपाली। सरायपाली से रायपुर तक 156 किलोमीटर की दूरी में 3 टोलनाके क्रमशः छुईपाली, ढांक व मंदिर हसौद स्थापित है। सरायपाली के लोगों को आने जाने में ही काफी रकम सिर्फ टोल टैक्स देना होता है। जो भारी पड़ने लगा है। विभाग व एनएचएआई के एक ही राजमार्ग 53 पर अलग–अलग नियम लागू किये जाने का अब सरायपाली के वाहन मालिक, नगरवासियों, ग्रामीण जनों, विभिन्न समाज, व्यापारी, व्यवसायी व राजनैतिक दलों व युवाओं द्वारा विरोध शुरू कर दिया गया है। इन सभी का कहना है कि राजमार्ग 53 पर ही बरगढ़, छुईपाली ढांक, मंदिरहसौद व दुर्ग पर टोलनाका निर्मित है। दुर्ग व बरगढ़ में स्थानीय वाहन मालिको को (गैर व्यवसायिक) निशुल्क सुविधा दी गई है जबकि छुईपाली व ढांक में स्थानीय वाहन मालिकों से मंथली चार्ज लिया जा रहा है। जबकि नियमतः यह भी नहीं लगना चाहिए। दुर्ग व बरगढ़ की तरह यहां भी छूट दिए जाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। इस हेतु सभी क्षेत्रवासियों व लाभान्वित होने वाले वाहन मालिकों की आज कल में एक वृहद बैठक आयोजित की जा रही है। जिसमे छुईपाली व ढांक टोलनाका को स्थानीय लोगों के लिए फी किये जाने पर चर्चा की जायेगी। कलेक्टर व टोलनाका प्रबंधक को ज्ञापन दिया जायेगा व समयावधि के भीतर टोल फ्री नही किये जाने की स्थिति में टोलनाका में चक्काजाम किये जाने जैसे आंदोलन पर भी सहमति बनाई जायेगी। इस अभियान को गति दिए जाने हेतु एक व्हाट्सएप ग्रुप का भी निर्माण किया गया है जिसमे अभी तक लगभग 1200 सदस्य स्वतः जुड़ चुके हैं। यह क्षेत्रवासियों की एकता व नाराजगी का प्रमाण है।
इस संबंध में युवा वर्ग का नेतृत्व करने वाले संजय चौधरी ने बताया कि पिछले काफी वर्षों से टोलफ्री किये जाने की आवाज विभिन्न मंचो से उठाई गई थी।किंतु आशातीत सफलता नहीं मिल पाई थी। आज इस मांग की बहुत ही आवश्यकता महसूस होने लगी है। जब अन्य टोल नाकों में स्थानीय लोगों को यह सुविधा प्रदान की गई है तो हमें क्यों नहीं मिलनी चाहिए। अतिशीघ्र ही मांगो के समर्थन में बड़ा व सकारात्मक आंदोलन लोकतांत्रिक तरीके से किया जायेगा।
व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष सुशील जैन ने बताया कि पूर्व में व्यवसायिक वहां चालको द्वारा भी टोलनाका के समक्ष प्रदर्शन किया गया था। महासमुन्द जिले के साथ ही विशेषकर सरायपाली क्षेत्र के व्यापारियों किसानों व वाहन चालकों के साथ टोल प्राधिकरण पक्षपात पूर्ण व्यवहार कर रहा है। एक ही मार्ग पर 2 अलग अलग नियम अव्यवहारिक व पीड़ादायक है।
वरिष्ठ भाजपा नेता व नागरिक अमर बग्गा ने टोल नाका प्राधिकरण द्वारा क्षेत्र के वाहन चालकों के साथ किये जा रहे दमन नीति का विरोध करते हुवे कहा कि क्षेत्रवासियों के अधिकार, मांग व संघर्ष के साथ वे हमेशा खड़े रहेंगे।
वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप भोई हरेकृष्ण नायक, राजेश महाणा, के बी खान, देवेंद्र शर्मा ने मांग का समर्थन करते हुवे कहा कि टोलनाका प्रशासन का यह भेदभाव पूर्ण व्यवहार निंदनीय है। एक ही मार्ग पर पड़ने वाले टोलनाकाओं में अलग अलग विधान नही चलेगा। क्षेत्रवासियों का जोरदार विरोध प्रदर्शन हो इसके पूर्व ही टोलनाका प्रबंधन को समुचित निर्णय ले लेना चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस व किसान नेता विश्वनाथ नायक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवार से जुड़े व विकासशील किसान विद्याभूषण सतपथी, भूतपूर्व सैनिक व फुलझर डिफेंस सेंटर के संचालक धर्मेंद्र चौधरी, पत्रकार दिलीप गुप्ता, चेम्बर आफ कॉमर्स व कैट के पदाधिकारियों में मदन अग्रवाल, अवधेश अग्रवाल, प्रदीप जैन, मुश्ताक खान आनंद गोयल, मुकेश अग्रवाल, नीरज अग्रवाल, सेवाशंकर अग्रवाल, संजय अग्रवाल, देवेंद्र पटेल के साथ ही विभिन्न सामाजिक, राजनैतिक, सेवा निवृत्त , किसान, व्यापारी, ट्रक ऑनर्स व अन्य संघ संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने छुईपाली व ढाँक टोलनाका को महासमुन्द जिले के CG 06 के गैर व्यावसायिक वाहनों को टोलफ्री की सुविधा दिए जाने की मांग का समर्थन करते हुए इस पहल को अपना पूर्ण सहयोग दिए जाने की बात कही है। आज सिर्फ सरायपाली व बसना से ही प्रतिदिन सैकड़ों वाहन महासमुन्द व रायपुर शासकीय व निजी कार्यों के लिए जाती है। मात्र 156 किलोमीटर की दूरी के बीच 3 टोलनाकाओ मे 300 से 400 रुपये सिर्फ टोलटैक्स देना पड़ता है जो कि बहुत ही भारी पड़ रहा है। इससे व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है।
इसके साथ ही महासमुन्द जिला जब अस्तित्व में नहीं आया था उस समय सरायपाली रायपुर जिले के अंतर्गत आता था। आज भी अनेक लोगों के पास CG 04 पासिंग वाहन हैं जो कि लोकल हैं इन्हें भी लोकल गाड़ियां मानकर टोलफ्री किया जाना चाहिए। इन सभी का कहना है कि यह सुखद है कि इस बार इस बहुप्रतीक्षित मांग को क्षेत्र के युवाओ द्वारा उठाया जा रहा है। युवाओ के इस प्रयास व संघर्ष में सभी की सहभागिता रहेगी। शीघ्र ही एक सामूहिक व वृहद बैठक का आयोजन किया जायेगा जिसमे अगले चरण के आंदोलनों पर चर्चा की जायेगी वह सामूहिक निर्णय के तहत प्रजातांत्रिक तरीके से कलेक्टर व टोल प्राधिकरण के समक्ष अपनी मांग रखी जायेगी व आंदोलन की आवश्यकता पड़ी तो वह भी इसी तरह से किया जायेगा।