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iPhone और लाखों नौकरियों के बाद एपल अब भारत में बनाएगा घर, इन्हें मिलेगा फायदा

Business:-  भारत में आज एपल के अलग-अलग प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग होती है, जिसके चलते एपल ने लाखों लोगों को नौकरियां दी हैं. भारत में लाखों नौकरियां देने के बाद अब भारत में एपल घर बनाने की योजना बना रहा है. दरअसल, भारत में एपल के अलग-अलग प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग होती है, जिसका असर अब दिखना शुरू हो गया है. चीन और वेतनाम की तर्ज पर लाखों लोगों नौकरियां देने के बाद अब एपल भारत में बड़ी संख्या में लोगों के लिए घर बनाने जा रही है. आइए आपको बताते हैं क्या है एपल की इंडस्ट्रियल हाउसिंग स्कीम और इससे किसको फायदा मिलेगा.

पीपीपी मॉडल पर बनाए जाएंगे घर

ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, एपल इकोसिस्टम में अब इंडस्ट्रियल हाउसिंग पर काम की तैयारी हो रही है. इसके तहत फॉक्सकॉन, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स, सैलकॉम्प समेत एपल के अलग अलग कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स अपने-अपने कर्मचारियों के लिए घर बनाने की योजना बना रहे हैं. ये घर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल की तर्ज पर बनाए जाएंगे.

चीन और वियतनाम में पहले चल रही स्कीम

दरअसल एपल के प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग जहां भी होती है, वहां इंडस्ट्रियल हाउसिंग का कॉन्सेप्ट लागू होता है. भारत से पहले चीन और वियतनाम में ऐसा हो चुका है. दोनों देशों में एपल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स ने अपने कर्मचारियों के लिए बड़े स्केल पर घर बनाए हैं. अब भारत में उसकी ही तैयारी चल रही है. बताया जा रहा है कि पीपीपी मॉडल के तहत बनने जा रहे घरों का स्केल इतना व्यापक होगा, जो अब तक पहले नहीं देखा गया. यानी यह पीपीपी मॉडल पर भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग स्कीम होगी.

इनको होगा सबसे ज्यादा फायदा

रिपोर्ट के अनुसार, इस स्कीम के तहत 78 हजार से ज्यादा घर बनाए जाएंगे. एपल की इस स्कीम से सबसे ज्यादा फायदा तमिलनाडु को होने जा रहा है. अकेले तमिलनाडु में इस स्कीम के तहत करीब 58 हजार घर बनने वाले हैं. ज्यादातर घर स्टेट इंडस्ट्रीज प्रमोशन कॉरपोरेशन ऑफ तमिलनाडु के द्वारा बनाए जा रहे हैं. टाटा ग्रुप और एसपीआर इंडिया के द्वारा भी घर बनाए जा रहे हैं.

ऐसे तय होगी लागत

इस स्कीम के तहत बनने वाले घरों की 10-15 फीसदी लागत केंद्र सरकार के द्वारा मुहैया कराई जाएगी. बाकी की लागत का वहन राज्य सरकारों और कंपनियों के द्वारा किया जाएगा. ऐसी उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में कंस्ट्रक्शन और प्राइवेट सेक्टर को हैंडओवर कर लिया जाएगा. इससे एपल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स के साथ काम कर रहे हजारों माइग्रेंट वर्कर्स को बड़ी मदद मिलेगी.

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