
रायपुर । छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण नीति के तहत 10,463 स्कूलों को तगड़ा झटका लगा है। समग्र शिक्षा विभाग ने इन स्कूलों के समस्त व्यय पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश जारी किया है। अब इन स्कूलों के लिए सत्र 2025-26 के किसी भी अनुदान का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
जारी आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिन 10,463 शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया गया है, वे शालाएं अब सत्र 2025-26 में जारी किसी भी राशि का व्यय नहीं करेंगी। साथ ही, इन स्कूलों की जारी आहरण सीमा (Drawing Limit) को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए और की गई कार्रवाई की सूचना राज्य कार्यालय को भेजी जाए।
स्कूलों में मचा हड़कंप, विरोध तेज होने की आशंका
इस फैसले से प्रदेश के हजारों स्कूलों में वित्तीय गतिविधियां ठप हो जाएंगी, जिससे शैक्षणिक संचालन, बुनियादी सुविधा, मरम्मत, स्टेशनरी, वेतन भुगतान जैसे कई जरूरी काम प्रभावित हो सकते हैं। पहले ही युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षक संगठनों का विरोध तेज है, और इस ताजा आदेश से आंदोलन और भड़कने की संभावना है।
क्या है युक्तियुक्तकरण नीति?
छत्तीसगढ़ सरकार ने कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज कर युक्तियुक्त संसाधन वितरण और बेहतर शिक्षा व्यवस्था के उद्देश्य से यह नीति लागू की है। हालांकि, शिक्षक संगठनों और विपक्षी नेताओं ने इसे गैर-व्यावहारिक और जनविरोधी करार दिया है।
10,463 स्कूलों पर अचानक खर्च रोक लगने का फैसला नीति के कार्यान्वयन को लेकर प्रशासन की सख्ती को दर्शाता है, लेकिन इससे स्कूलों की बुनियादी जरूरतें और शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित होने की पूरी आशंका है। अब देखना होगा कि सरकार इस पर अगला कदम क्या उठाती है, और क्या शिक्षकों के विरोध को कोई जवाब मिलता है या नहीं।