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CG NEWS: सत्र शुरू हुए महीनों बीत गए… अब आया आदेश! स्कूल परिसर में यूनिफॉर्म, बैग और स्टेशनरी बेचने पर रोक

रायपुर। इस शिक्षा सत्र को लेकर राज्य सरकार ने निजी स्कूलों को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने जिले के सभी निजी स्कूलों को पत्र जारी कर इस गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि शैक्षणिक सत्र शुरू होने के 2 माह बाद जारी इस आदेश की प्रासंगिकता पर सवाल भी उठ रहे हैं। क्योंकि, लगभग सभी पालकों ने स्कूल प्रबंधनों के दिशानिर्देश के आधार पर उनकी तयशुदा दुकानों से किताबें, स्कूल यूनिफार्म समेत तमाम चीजें खरीद ली है।

आदेश के मुताबिक, निजी स्कूलों में अब सिर्फ उस बोर्ड की किताबें पढ़ाई जाएंगी जिससे स्कूल को मान्यता प्राप्त है। छत्तीसगढ़ बोर्ड से मान्यता प्राप्त संस्थानों को केवल राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किताबें ही अपनानी होंगी, वहीं सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में केवल एनसीईआरटी की किताबें लागू की जाएंगी। निजी प्रकाशक की पुस्तकें न लागू की जा सकती हैं और न ही पालकों को उन्हें खरीदने के लिए बाध्य किया जा सकता है।

शिक्षा विभाग ने स्कूल परिसर में बेल्ट, टाई, बैग, जूता, यूनिफॉर्म, नोटबुक या अन्य किसी भी प्रकार की शैक्षणिक सामग्री की बिक्री करने पर पाबंदी लगा दी है। पालकों को किसी खास दुकान से सामग्री खरीदने के लिए मजबूर करना भी पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा।

बोर्ड का नाम गेट पर प्रदर्शित करना अनिवार्य

निजी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने मुख्य द्वार पर जिस बोर्ड से उन्हें मान्यता प्राप्त है, उस बोर्ड का नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करें। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और अभिभावकों को स्कूल की मान्यता की स्थिति की सही जानकारी मिल सकेगी। इसके साथ ही जिन स्कूलों द्वारा छात्रों के लिए वाहन सुविधा प्रदान की जाती है, उन्हें न लाभ, न हानि के सिद्धांत पर ही उसका संचालन करना होगा। प्रत्येक सत्र के अंत में डीईओ कार्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली केंद्रीकृत परीक्षा में सभी निजी स्कूलों की भागीदारी अनिवार्य कर दी गई है।

सभी निजी स्कूलों को सत्र प्रारंभ होते ही अपने नोडल प्राचार्य के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को यह प्रमाण-पत्र देना अनिवार्य होगा कि वे गाइडलाइन के सभी सात बिंदुओं का पालन कर रहे हैं। डीईओ ने चेतावनी दी है कि यदि किसी स्कूल द्वारा इन नियमों का उल्लंघन किया गया या शिकायत प्राप्त हुई, तो उस पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कार्रवाई की जाएगी। सरकार की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, समानता और अनुशासन कायम करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

पिछले शिक्षा सत्रों में निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर कई शिकायतें मिलीं थीं। इस लिए संदर्भित विषयों पर ये निर्देश जारी किए गए हैं। ताकि अभिभावकों को किसी तरह से गुमराह न किया जा सके।
विजय खंडेलवाल
जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर

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