रायपुर। कांग्रेस सरकार में हुए 219 करोड़ के खाद्यान्न घोटाले को लेकर विधानसभा समिति ने फिर से 16 बिंदुओं में जानकारी मांगी है। इससे पहले अगस्त माह में भी 29 बिंदुओं की जानकारी मांगी गई थी है।
राशन घोटाले की जांच को लेकर अब तक 55 बिंदुओं में जानकारी मांग चुकी है। अब मांगी गई जानकारी में कई जिलों के खाद्य निरिक्षकों पर गाज गिरना तय है।
सितंबर 2022 में कराए गए भौतिक सत्यापन, तकनीकी त्रुटि के प्रकार, चावल घोटाला करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जानकारी मांगी गई है। जनवरी 2022 और 2023 की स्थिति में प्रदेश के 13 हजार राशन दुकानों में बचत चावल मात्रा की जानकारी पूछी गई है। घोटाला करने वाले राशन दुकानों से वसूली की जानकारी मांगते हुए वसूली न होने पर जिम्मेदार खाद्य निरीक्षकों के नाम मांगे गए है।
पोर्टल से गायब हो गई है जानकारी
प्रदेश का आवंटन खाद्य संचालनालय जारी किया जाता है। खाद्य निरीक्षकों ने हर महीने घोषणा पत्र में ऑनलाइन पोर्टल में जानकारी दी है। इसके बाद भी कटौती नहीं की गई।
अब जांच समिति द्वारा जानकारी मांग रही है। मैदानी अमले से तीन साल पुरानी जानकारी मांगी जा रही है। वह बीते साल ही पोर्टल से गायब कर दी गई थी।
मांगी गई मुख्य जानकारी
– बचत होने की स्थिति में उठाए गए कदम की जानकारी।
– माह अगस्त 2022 से दिसम्बर 2022 तक राशन दुकानों में जारी आबंटन की मात्रा की जानकारी।
– अतिरिक्त स्टाक तथा वर्तमान आबंटन से अधिक स्टाक न हो इसका मिलान करने के लिए जिला स्तर से क्या कदम उठाए गए थे।
– खाद्य अधिकारी द्वारा बचत स्टाक के संबंध में सहायक खाद्य अधिकारियों एवं निरीक्षकों को जारी निर्देश की छाया प्रति दें।
– ऐसे पीडीएस दुकानों की संख्या जहां बचत स्टाक होने पर भी आबंटन के बराबर राशन सामग्री का भंडारण फिर से कराया गया।