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शेयर बाजार में रकम दोगुनी करने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी, 2 गिरफ्तार

बलौदाबाजार। जिले में शेयर मार्केट में निवेश कर रकम दोगुनी करने का झांसा देकर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले शासकीय शिक्षक रामनारायण साहू और उसके एक साथी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

इस मामले में अब तक ₹1,22,82,000 की धोखाधड़ी की पुष्टि हुई है, और पुलिस को आशंका है कि ठगी की वास्तविक राशि इससे कहीं अधिक हो सकती है। आरोपियों ने सरकारी शिक्षक की सामाजिक प्रतिष्ठा और विश्वास का दुरुपयोग करते हुए दर्जनों लोगों को अपने जाल में फंसाया। लोगों को भरोसे में लेने के लिए शिक्षक रामनारायण साहू ने खुद के नाम से स्कीमें चलाईं, जिससे ग्रामीणों और अन्य निवेशकों को भरोसा हुआ कि वे सुरक्षित निवेश कर रहे हैं।
कैसे रचा गया ठगी का जाल?
पुलिस के अनुसार, आरोपी रामनारायण साहू अपने साथी के साथ मिलकर लोगों को यह कहकर फंसाता था कि वह उनके पैसे को शेयर मार्केट और क्रिप्टो ट्रेडिंग में निवेश करता है, जिससे उन्हें कुछ महीनों में राशि दोगुनी होकर वापस मिलेगी। शुरू में कुछ निवेशकों को छोटे-मोटे लाभ देकर उनका भरोसा जीता गया और फिर लाखों रुपये की राशि ले ली गई।

पीड़ितों का कहना है कि आरोपी निवेश के नाम पर बैंक खातों, नकद और ऑनलाइन माध्यमों से बड़ी राशि वसूलता रहा, लेकिन तय समय पर पैसा लौटाने से टालमटोल करने लगा। जब कुछ निवेशकों ने पैसा वापस मांगा तो उन्हें धमकाया गया और फर्जी दस्तावेज दिखाकर गुमराह किया गया।
₹1.22 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी उजागर
अब तक दर्ज की गई शिकायतों की जांच में यह सामने आया है कि आरोपियों ने कुल ₹1,22,82,000 की ठगी की है। यह आंकड़ा केवल शुरुआती जांच का है और पुलिस को आशंका है कि ठगी की वास्तविक राशि ₹2 करोड़ से भी अधिक हो सकती है, क्योंकि अभी कई और पीड़ित सामने आ रहे हैं।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए बलौदाबाजार पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई थी। तकनीकी साक्ष्यों और पीड़ितों के बयानों के आधार पर पुलिस ने रामनारायण साहू और उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया।

दोनों आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है और अब तक की जानकारी के आधार पर कई और पीड़ितों के नाम भी सामने आए हैं। पुलिस टीम ने ठगी से संबंधित कंप्यूटर, दस्तावेज, लेनदेन रजिस्टर, बैंक स्टेटमेंट, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं। आरोपियों द्वारा निवेश के नाम पर उपयोग किए गए खातों की भी जांच की जा रही है।
सामाजिक रूप से प्रतिष्ठित होने का लाभ उठाया
रामनारायण साहू एक शासकीय शिक्षक के पद पर कार्यरत था और ग्रामीण क्षेत्रों में उसकी अच्छी पहचान थी। इसी सामाजिक प्रतिष्ठा का लाभ उठाकर उसने लोगों को भरोसे में लिया और लाखों की राशि ऐंठ ली। शिक्षक जैसे जिम्मेदार पद पर होते हुए इस प्रकार की ठगी करना न केवल विश्वासघात है बल्कि अपराध को भी जघन्य बनाता है।

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