बांग्लादेश के डोनर, जयपुर में डोनेट ऐसे चल रहा था किडनी ट्रांसप्लांट का इंटरनेशनल रैकेट
Braking news:- गुरुग्राम के एक नामी होटल से एक बांग्लादेशी शख्स को पकड़ा गया है जिससे किडनी ट्रांसप्लांट के गोरखधंधे का भंडाफोड़ हुआ है. हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिस शख्स को गुरुग्राम से पकड़ा गया है वह एक किडनी डोनर है जिसे पैसों का लालच देकर मेडिकल वीजा पर भारत बुलाया गया है. शख्स से हुई पूछताछ में एक बड़ी हॉस्पिटल का नाम सामने आया है. फिलहाल इस मामले में जांच की जा रही है.
जानकारी के मुताबिक हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की टीम और सीएम फ्लाइंग स्क्वाड ने मिलकर यह खुलासा किया है. कई जगहों पर छापेमारी के बाद गुरुग्राम के एक लग्जरी गेस्ट हाउस से बांग्लादेशी नागरिक शमीम को पकड़ा गया है. शमीम ने पुलिस की पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं. उसने बताया कि उसने फेसबुक पर किडनी डोनेट करने का विज्ञापन देखा था जिसके बाद उसने भारत में किडनी डोनेट करने के लिए मुर्तजा अंसारी नाम के शख्स को कॉन्टैक्ट किया था. इसके बाद उसके कई मेडिकल टेस्ट कराए गए.
शमीम ने बताया कि मेडिकल टेस्ट हो जाने के बाद उसे कोलकाता के मेडिकल वीजा पर भारत लाया गया. यहां से उसे गुरुग्राम में ठहराया गया. गुरुग्राम के लग्जरी गेस्ट हाऊस में शमीम को सभी मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई जा रही थीं. शमीम ने बताया कि मुर्तजा अंसारी की जयपुर के कई हॉस्पिटल में अच्छी पकड़ है. मरीजों को गुरुग्राम के एक नामी हॉस्पिटल के नाम पर बरगला कर लाया जाता है और उनका किडनी ट्रांसप्लांट उसी बड़े हॉस्पिटल के जयपुर स्थित ब्रांच में करवाया जाता था.
डोनर को 3 लाख रुपये
बांग्लादेश में मोबाइल की दुकान चलाने वाले शमीम ने और भी बड़े खुलासे किए हैं. शमीम ने बताया कि जिस शख्स को बांग्लादेश से यहां बुलाया जाता था उसे किडनी डोनेट करने के एवज में 4 लाख बांग्लादेशी टका दिया जाता था. जिसकी भारतीय रुपयों में किमत 3 लाख है. वहीं जिन शख्स को किडनी की जरूरत होती है उनसे 10-20 लाख रुपये तक वसूले जाते हैं. यह गोरखधंधा काफी दिनों से चल रहा है. किसी भी डोनर का किसी भी रिसीवर से कोई रिश्ता नहीं होता.
गरीब युवाओं को करते थे टारगेट
गुरुग्राम के सेक्टर 39 में स्थित गेस्ट हाऊस के मालिक पर फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. होटल मालिक की इस पूरे गोरखधंधों में सम्मिलित होने की जांच की जा रही है. दरअसल यह गैंग बांग्लादेश के गरीब युवाओं को टारगेट करती थी जो कि पैसों के लालच में किडनी डोनेट करने के लिए तैयार हो जाते थे. एक बार वह तैयार हो गए तो सबसे पहले उन्हें ब्लड ग्रुप की जांच कराने के लिए बोला जाता था इसके बाद कुछ और टेस्ट वहीं कराए जाते थे. जिनकी रिपोर्ट्स यहां जांची जाती थी.
इससे पहले भी पकड़ा गया है किडनी रैकेट
गुरुग्राम में इससे पहले भी किडनी रैकेट पकड़ा जा चुका है. 2008 में भी गुरुग्राम के पालम विहार में किडनी रैकेट का खुलासा हुआ था. नौकरी का लालच देकर यूपी के युवाओं को गुरुग्राम लाया जाता था. किडनी निकलवाने के लिए 30 हजार रुपए का लालच दिया जाता था, जो लोग तैयार नहीं होते कई बार उनकी जबरन किडनी निकाल ली जाती थी. उस वक्त किडनी को अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी जैसे देशों के ग्राहकों को दिया जाता था. फरवरी 2008 में आरोपी डॉक्टर को नेपाल से गिरफ्तार किया गया.