सरकारी नौकरी के लालच में पहले बड़े भाई को रास्ते से हटाया फिर आग देने पहुंचा श्मशान
जबलपुर: जमीन-जायदाद को लेकर अक्सर भाइयों में झगड़े तो होते ही हैं. लेकिन, जबलपुर में वो हुआ, जिसके बाद एक विधवा मां का संसार बिखर गया. उस मां का बड़ा बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा और छोटा जेल चला गया. पिता की मौत के बाद मिलने वाली अनुकंपा नियुक्ति दो भाइयों की दुश्मनी का कारण बनी. इस खूनी खेल की साजिश के आरोपी छोटे भाई ने ही बड़े भाई के शव को मुखाग्नि भी दी. हनुमानताल इलाके के प्रेम नगर में रहने वाले अभिषेक भारती उम्र 31 वर्ष और 28 वर्षीय विनोद भारती के पिता नगर निगम में कार्यरत थे. करीब 7 साल पहले पिता का निधन हो गया था. निधन के बाद मां को पेंशन मिल रही थी. तभी कुछ दिन पहले परिवार को जानकारी लगी कि पिता की जगह अनुकंपा नौकरी भी मिलनी है, जिसकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी. दोनों ही भाई पिता की नौकरी पाना चाहते थे और मां की पेंशन और प्रॉपर्टी पर भी उनकी नज़र थी, जिसको लेकर भाइयों में मनमुटाव शुरू हो गया था.
रात में झगड़ा, सुबह सड़क पर मिला शव
पुलिस के अनुसार, पिता की जगह मिलने वाली अनुकंपा नियुक्ति के लिए दोनों भाइयों में झगड़े होने लगे थे. करीब 6 महीने पहले अभिषेक ने घर छोड़ दिया और अधारताल में किराए के मकान में रहने लगा. वह मां से मिलने हनुमानताल आता रहता था. 3 मार्च की शाम को अभिषेक जब मां से मिलने घर आया, तब एक बार फिर दोनों भाइयों में झगड़ा शुरू हुआ. रात करीब 12 बजे अभिषेक अपने किराए के घर के लिए निकल गया. दूसरे दिन पुलिस को अधरताल क्षेत्र की रामेश्वरम कॉलोनी के पास सड़क किनारे डिवाइडर के पास उसका शव मिला.
सीसीटीवी से खुला राज
शव बरामद होने के बाद प्रथम दृष्टिगत इसे एक्सीडेंट का मामला माना गया. अधारताल थाना प्रभारी विजय विश्वकर्मा ने मामले में जब घटनास्थल पर गौर से निरीक्षण किया तो उन्हें संदेह हुआ. उन्होंने इसे एक्सीडेंट केस ना मानते हुए जांच शुरू की. उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर ऐसे कोई सबूत नहीं मिले, जिससे यह पता चले की तेज़ टक्कर के कारण मोके पर ही मौत हुई है. तब करीब 50 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले गए. पुलिस को पता चला कि जिस रात अभिषेक घर से निकला था, उसी रात उसके पीछे उसका छोटा भाई अपने एक नाबालिक साथी के साथ पीछे एक्टिवा पर जाते हुए नज़र आया था. पुलिस ने छोटे भाई को हिरासत में लिया. पूछताछ में आरोपी विनोद ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया. बताया कि उसने ही बड़े भाई की हत्या की है.
ऐसे रची हत्या की साजिश
पुलिस के अनुसार, पूछताछ में आरोपी विनोद ने बताया कि उस रात उसने अपने भाई का पीछा किया, जिसमें विनोद के साथ एक नाबालिक लड़का भी था. दोनों ने अभिषेक का पीछा कर उसे एक सुनसान इलाके में रोका और एक लोहे के हथियार से उसके सर पर वारकर अपने ही बड़े भाई की हत्या कर दी. उसकी एक्टिवा को डिवाइडर से टकराकर उसके ऊपर पटक दी और इसे एक एक्सीडेंट बनाने की कोशिश की.
सुनी हुई मां की गोद
इस वारदात के बाद मां की गोद सूनी हो गई. नौकरी के लालच ने भाई को ही भाई का दुश्मन बना दिया. जिस छोटे भाई ने बड़े भाई का अंत किया, अंतिम संस्कार भी उसी भाई ने किया. 8 मार्च को पुलिस ने छोटे भाई विनोद को हिरासत में लिया. अब उस मां का एक बेटा हत्या के आरोप में जेल में है और दूसरे बेटे की मौत हो चुकी है.