सरकारी जमीन से नहीं हटा कब्ज़ा, हाईकोर्ट ने निगम कमिश्नर को भेजा नोटिस
रायपुर । हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने रायपुर नगर निगम के कमिश्नर को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि कलेक्टर के निर्देश के बावजूद सरकारी जमीन से कब्जा क्यों नहीं हटाया जा सका। कोर्ट ने निगम कमिश्नर से इस संबंध में बुधवार को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
राजधानी के अमलीडीह क्षेत्र में कुछ बिल्डरों द्वारा 35 फीट चौड़ी नहर पर कब्जा कर दीवार खड़ी कर दी गई है, जिससे सिंचाई सुविधा में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसी क्षेत्र में 17 हजार वर्ग फीट जमीन पर भी बिल्डरों ने अवैध रूप से दुकानें बना ली हैं। इन बिल्डरों का अनुसरण करते हुए कुछ स्थानीय लोगों ने भी नाले की जमीन पर मकान बना लिया है।
कलेक्टर के निर्देशों का पालन न करने पर सवाल
रायपुर कलेक्टर ने 2006 में सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के लिए नगर निगम को आवश्यक निर्देश जारी किए थे, लेकिन निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ अधिकार आंदोलन समिति ने जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि नहर की जमीन, जो 40 फीट चौड़ी थी, उसे 2006 में नगर निगम को सौंप दिया गया था, लेकिन अब इसका अधिकांश हिस्सा अवैध कब्जे में है।
शासन की प्रतिक्रिया
इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन ने बताया कि कलेक्टर ने पहले ही इस अवैध कब्जे की रिपोर्ट दी थी और इसे हटाने के निर्देश दिए थे। हाई कोर्ट ने नगर निगम के अधिवक्ता से पूछा कि कलेक्टर की रिपोर्ट के बावजूद अतिक्रमण क्यों नहीं हटाया गया। कोर्ट ने निगम आयुक्त को इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
अगली सुनवाई की तारीख
जनहित याचिका की अगली सुनवाई के लिए 24 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई है। इसमें नगर निगम के कमिश्नर को अपना जवाब प्रस्तुत करना होगा और बताए गए निर्देशों का पालन करना होगा।