नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दिवसीय ध्यान पूरा हो गया है। पीएम मोदी पिछले 45 घंटे से कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान कर रहे थे। वे तीन दिन ध्यान मंडपम में ही रहे। इस ध्यान मंडपम की खास बात यह है कि यह वही स्थान है, जहां स्वामी विवेकानंद ने देश भ्रमण के बाद तीन दिनों तक ध्यान किया था। यहीं उन्होंने विकसित भारत का सपना देखा था। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर देवी पार्वती ने एक पैर पर खड़े होकर साधना की थी।
पीएम मोदी द्वारा लिखा पत्र केंद्रीय मंत्री ने किया साझा
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने ध्यान के बाद पीएम मोदी द्वारा लिखा एक नोट साझा किया। पीएम ने नोट में लिखा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज वर्षों बाद भी भारत स्वामी विवेकानंद के मूल्यों और आदर्शों का प्रतीक है। मुझे इस पवित्र स्थान पर ध्यान करने का अवसर मिला। मां भारती के चरणों में बैठकर, मैं फिर से अपने संकल्प की पुष्टि करता हूं कि मेरे जीवन का हर पल और मेरे शरीर का हर कण हमेशा राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित रहेगा।
पीएम मोदी गुरुवार को कन्याकुमारी पहुंचे थे। प्रधानमंत्री धोती पहने दक्षिण भारत की पारंपरिक पोशाक में दिखे। उन्होंने ऑफ-व्हाइट रंग का शॉल ओढ़ रखा था। कन्याकुमारी पहुंचने के बाद भगवती अम्मन मंदिर में प्रार्थना और पूजा-अर्चना की। बता दें, आम चुनाव का प्रचार थमने के बाद पीएम मोदी हर बार आध्यात्मिक यात्रा पर जाते हैं और 2019 के चुनाव प्रचार के बाद वे केदारनाथ गए थे और साल 2014 में वे शिवाजी महाराज से संबंधित प्रतापगढ़ गए थे।
भारत दर्शन के दौरान विवेकानंद ने आम लोगों की तकलीफ, दर्द, गरीबी, आत्म सम्मान और शिक्षा की कमी को नजदीक से जाना था। समुद्र तट से करीब 500 मीटर दूर स्थित चट्टान पर विवेकानंद 24 दिसंबर 1892 को तैर कर पहुंचे थे। 25 से 27 दिसंबर तक उन्होंने इसी चट्टान पर ध्यान किया था। उन्होंने यहां भारत के भविष्य के लिए विकसित भारत का सपना देखा था। यह वही जगह है, जहां उन्हें भारत माता के दर्शन हुए थे। इसी स्थान पर उन्होंने अपना बाकी जीवन लोगों को समर्पित करने का सपना देखा था। विवेकानंद शिला पर विवेकानंद स्मारक बनाने के लिए भी लंबा संघर्ष चला है। इसमें एकनाथ रानाडे ने बड़ी भूमिका निभाई थी।