
रायपुर। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने ई-ऑफिस प्रणाली को अपनाकर राज्य में सुशासन की स्थापना के उद्देश्य से शासकीय कामकाज में पारदर्शिता, त्वरित निर्णय-प्रक्रिया और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने ई-ऑफिस एकीकृत फाइल और रिकार्ड प्रबंधन प्रणाली लागू कर दी है।
ई-ऑफिस सरकारी कार्यालयों में कागज रहित कार्यप्रणाली को बढ़ावा देती है। इसके माध्यम से फाइलों का निर्माण, ट्रैकिंग, अनुमोदन और संग्रहण डिजिटल रूप से होता है, जिससे कार्यों को गति मिलेगी। ई-ऑफिस के माध्यम से सरकारी दस्तावेजों का प्रबंधन, सुरक्षा और फाइलों का निपटारा तेजी से होगा।
21 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के प्रशासनिक कार्यों में ई-गवर्नेस और पारदर्शिता को आगे बढ़ाने के लिए तीन नए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का अनावरण किया था, जिसमें ई-ऑफिस सिस्टम के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) पोर्टल और ‘स्वागतम’ पोर्टल शामिल थे।
ये सभी उपकरण विभिन्न सरकारी कार्यों में आईटी समाधानों को एम्बेड करके दक्षता बढ़ाने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। 1 जनवरी 2025 को विभागीय सचिवों की बैठक में सभी विभागों और कार्यालयों में ई-ऑफिस लागू करने के निर्देश देते हुए इसे सभी विभागों में 31 मार्च 2025 तक इसका पूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब सभी विभागों में लागू करने के बाद जिलों में इसे लागू किया जा रहा है।
विभागों में विस्तारित, अब जिलों में होगा लागू
छत्तीसगढ़ सरकार ने ई-गवर्नेस को चरणबद्ध तरीके से लागू किया है। पहले इसे सामान्य प्रशासन विभाग में शुरू किया गया था और अब इसे मंत्रालय के सभी विभागों में विस्तारित कर दिया गया है।
जिला स्तर पर भी इसे लागू करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। छत्तीसगढ़ में सक्ती पहला ऐसा जिला है, जहां ई-ऑफिस पूरी तरह से लागू हुआ था।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि अब से सभी विभागों में फाइलों की डिजिटल स्वीकृति सुनिश्चित की जाए, ताकि सरकारी कार्यों में अनावश्यक देर समाप्त हो और प्रशासनिक निर्णयों को त्वरित रूप से लागू किया जा सके।