नई दिल्ली। बैंक ऑफ बड़ौदा ने सभी जोन में जांच समिति का गठन कर दिया है। इसके लिए बैंक ने सेवानिवृत्त बैंकरों को नियुक्त किया है। बैंक की अनुशासन समिति इन्हें विभिन्न केस जांच के लिए भेजेगी। बैंक के अनुसार यह जांच समिति इंटरनल ऑपरेशन्स और कॉरपोरेट गवर्नेंस में मदद करेगी। हाल ही में हुए बॉब वर्ल्ड एप केस के चलते बैंक नियामकीय चिंताओं का सामना कर रहा है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 10 अक्टूबर को बैंक ऑफ बड़ौदा को निर्देश दिया था कि तत्काल प्रभाव से बॉब वर्ल्ड (BOB World App) से नए कस्टमर्स को जोड़ना बंद कर दे। बैंक के इस ऐप में कई अनियमिताएं सामने आई थीं। बैंक को अपने भोपाल, बड़ौदा और जयपुर जैसे कई शहरों में अपने लगभग 60 एम्प्लॉइज को सस्पेंड करना पड़ा था। निलंबित किए गए अधिकारियों में सहायक महाप्रबंधक स्तर के कुछ अधिकारी शामिल थे।
विजया बैंक और देना बैंक के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक बन गया था। बैंक ने 2021 में डिजिटल मोबाइल बैंकिंग एप ‘बॉब वर्ल्ड’ को लॉन्च किया था। इसका मकसद बैंक की सभी सर्विसेस को इंटीग्रेट करना था। मगर, इसमें ग्राहकों के डेटा के साथ छेड़छाड़ की बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गई। एक सिविल सोसायटी प्लेटफॉर्म ने इस संबंध में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) को पत्र भी लिखकर ‘बॉब वर्ल्ड’ मामले में इंफोर्मेशन सिक्योरिटी ऑडिट मैकेनिज्म का पालन करने की मांग की थी ताकि ग्राहकों के डेटा और अन्य हितों की सुरक्षा हो सके।
क्या हुआ था ‘बॉब वर्ल्ड एप’ में
ईटी नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2023 में पता चला था कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपनी ऐप ‘बॉब वर्ल्ड’ पर सब्सक्राइबर बेस बढ़ाने के लिए बैंक के ग्राहकों के डेटा के साथ छेड़छाड़ की गई थी। बैंक ने ग्राहकों के खाते की डिटेल्स को अन्य कॉन्टैक्ट नंबर के साथ लिंक कर दिया ताकि मोबाइल एप पर ज्यादा रजिस्ट्रेशन दिखाया जा सके। इनमें से कई मोबाइल नंबर अनरजिस्टर्ड और उस ग्राहक के नहीं थे, जिसके खाते की डिटेल उससे लिंक की गई। इसके बाद आरबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा पर नए कस्टमर जोड़ने पर रोक लगा दी थी।
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