इंदौर । केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 14 जुलाई को इंदौर से मध्य प्रदेश के सभी 55 जिलों में 486 करोड़ रुपये की लागत से बने ‘प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित कई व्यक्ति उपस्थित थे।
अमित शाह ने उद्घाटन समारोह में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है। शिक्षा की नींव मजबूत किए बिना यह संभव नहीं हो सकता।” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने नई शिक्षा नीति लाकर आगामी 25 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा व्यवस्था में सुधार किया है।
नई शिक्षा नीति: 360 डिग्री विकास पर जोर
शाह ने कहा, “नई शिक्षा नीति में युवाओं के 360 डिग्री डेवलपमेंट पर जोर दिया गया है। इसमें बच्चों को ‘सिलेबस ऑफ एकेडमिक्स’ के साथ-साथ ‘सिलेबस ऑफ लाइफ’ भी सिखाया जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों में ‘ऑर्थोडॉक्स थिंकिंग’ की बजाय ‘आउट ऑफ द बॉक्स’ सोचने की आदत विकसित करने पर जोर दिया गया है।
मध्य प्रदेश: नई शिक्षा नीति का अग्रणी
मध्य प्रदेश सरकार की प्रशंसा करते हुए शाह ने कहा कि पूरे देश में सबसे पहले नई शिक्षा नीति को जमीन पर उतारने का काम मध्य प्रदेश में हुआ। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश ने इंजीनियरिंग और मेडिकल साइंस के पाठ्यक्रमों का मातृभाषा में अनुवाद करके गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा का लाभ पहुंचाया है।
शाह ने बताया कि 486 करोड़ रुपये की लागत से बने प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में विद्यार्थियों को बायोटेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, संस्कृति, कला जैसे विषयों में अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा, “इन कॉलेजों में कंपार्टमेंटल शिक्षा नहीं होगी। विद्यार्थी बीए के साथ विज्ञान के किसी विषय में डिप्लोमा भी कर सकते हैं।”
उच्च शिक्षा के नए आयाम
गृह मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में बीएड और बीएससी एग्रीकल्चर जैसे पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवा कृषि से जुड़कर स्वरोजगार के नए अवसर पा सकेंगे। इसके अलावा, आईआईटी दिल्ली और अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों से जोड़कर डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्सेज भी शुरू किए गए हैं।
नई शिक्षा नीति के तहत आधुनिक शिक्षा
शाह ने कहा, “नई शिक्षा नीति में प्रैक्टिकल, स्किल डेवलपमेंट और वोकेशनल ट्रेनिंग जैसे प्रावधान किए गए हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि नई शिक्षा नीति भारतीय युवाओं को सिलेबस रटने की बजाय आइडिया की रचना पर बल देने के लिए प्रेरित करेगी।
2047 का लक्ष्य: विश्व में सर्वप्रथम
अमित शाह ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे सामने 2047 में भारत को विश्व में सर्वप्रथम बनाने का लक्ष्य रखा है। यह लक्ष्य नई शिक्षा नीति और प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से पूरा होगा।”
इस उद्घाटन के साथ, मध्य प्रदेश के 55 जिलों में शिक्षा के नए युग की शुरुआत हो गई है। यह पहल न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएगी बल्कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।