नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बजट को एक कूटनीतिक हथियार बना दिया है। भारत की तरफ से इस साल आम बजट में पड़ोसी देशों को जो पैसा दिया गया है उसमें बड़ा खेल कर दिया गया है। भारत ने अफगानिस्तान के लोगों के लिए एक बार फिर खजाना खोल दिया है।
भारत ने बजट घोषणा में अफगानिस्तान के लिए 200 करोड़ रूपए आवंटित किए हैं। ये वित्त वर्ष 2023-24 के लिए घोषित घोषणा के समान ही है। लेकिन संशोधित बजट 2023-2024 में अफगानिस्तान के लिए भारत ने 20 करोड़ रुपए बढ़ाकर उसे 220 करोड़ रुपए कर दिया था।
सत्ता में तालिबान के बैठने के बाद भी भारत ने अफगानिस्तान के लोगों का साथ नहीं छोड़ा। इस बार भी एक बड़ी राशि वहां के लोगों के लिए आवंटित कर दी। भारत ने बता दिया और ये साबित कर दिया कि वो वहां के लोगों के लिए हर तरह से खड़ा है।
भारत ने एक बड़ी रणनीति के तहत अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, मंगोलिया को करोड़ों रुपए बांट दिए हैं। लेकिन आपको ये बता दें कि ये पैसा यूं ही नहीं दिए गए हैं। भारत इन पैसों की कीमत भी वसूल करेगा। इन सभी देशों का सही समय पर इस्तेमाल पाकिस्तान और चीन की अक्ल ठिकाने लगाने के लिए किया जाएगा।
भारत ने अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार को 200 करोड़ रुपए देने का ऐलान किया है। कई लोगों का कहना है कि जिस रफ्तार से तालिबान पाकिस्तान का सफाया कर रहा है, उसका ईनाम तो तालिबान को मिलना ही चाहिए। तालिबान को बार-बार पैसा देकर भारत पाकिस्तान के लिए एक बड़ा गड्ढा खोद रहा है।
आपको बता दें कि तालिबान ने एक दिन पहले ही ऐलान किया है कि वो पीओके को भारत का हिस्सा मानता है। अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार ने कहा है कि पाकिस्तान का पीओके पर कोई अधिकार नहीं है। इलके अलावा अफगानिस्तान के लोग जहां जहां पाकिस्तानी लोगों को देख रहे हैं, उन्हें दौड़ा दौड़ा कर मार रहे हैं।
भारत सिर्फ तालिबान की मदद से ही पूरे पाकिस्तान को खत्म कर सकता है। इसलिए तालिबान को पूरी मदद दी जा रही है। बजट में दिए गए पैसे के अलावा भी भारत तालिबान को कई तरीके से मदद दे रहा है। अफगानिस्तान के लोगों के लिए भारत लगातार दवा, गेंहू और जरूरी सामान भेज रहा है।
मजे की बात ये है कि तालिबान को मिले पैसे को देख पाकिस्तान के लोगों की आंखों में आंसू आ रहे हैं। वैसे आपको बता दें कि भारत ने पाकिस्तान को चवन्नी तक नहीं दी है। सरकार की नेबरहुड फर्स्ट नीति को ध्यान में रखते हुए, भूटान को विदेशी देशों और परियोजनाओं के लिए सॉफ्ट लोन और अनुदान सहित ₹4883.56 करोड़ के कुल बाहरी सहायता पोर्टफोलियो से ₹2,068 करोड़ आवंटित किए गए थे।
इस साल की शुरुआत में भारत ने घोषणा की कि वह भूटान की पंचवर्षीय योजनाओं के लिए अपनी वित्तीय सहायता को ₹5,000 करोड़ से दोगुना करके ₹10,000 करोड़ कर देगा।