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नेता प्रतिपक्ष के सवालों से उलझे उद्योग मंत्री, स्पीकर ने किया बचाव…

रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रदेश में बंद पड़ी इंडक्शन फर्नेस रोलिंग मिलों का मुद्दा उठाया। उन्होंने उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन से पूछा कि इन बंद मिलों के कर्मचारियों के नियोजन को लेकर सरकार क्या कदम उठा रही है। साथ ही, जनवरी 2024 से 2025 तक कितने उद्योग बंद हुए और इनसे प्रभावित कर्मचारियों को लेकर क्या निर्णय लिया गया, इस पर भी सवाल किए। उद्योग मंत्री देवांगन इन सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए, जिससे सदन में हंगामे की स्थिति बन गई। मंत्री को घिरते देख स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने नेता प्रतिपक्ष से कहा कि वे विस्तृत सवाल पूछने के बजाय छोटे-छोटे प्रश्न करें।

शक्कर कारखानों और मिनी स्टील प्लांट पर भी उठा सवाल
डॉ. महंत ने सदन में पंडरिया के शक्कर कारखाने का मामला उठाया, जिसमें किसानों को भुगतान न मिलने के कारण गन्ना उत्पादन प्रभावित हुआ। उन्होंने भोरमदेव और सूरजपुर की बंद शुगर फैक्ट्रियों का जिक्र करते हुए सवाल किया कि जब उद्योग लगातार बंद हो रहे हैं, तो राज्य सरकार की नई उद्योग नीति का औचित्य क्या है। उन्होंने पूछा कि 2024-25 के दौरान कितने मिनी स्टील प्लांट बंद हुए और क्या इस अवधि में कोई नया स्टील प्लांट खोला गया।

मंत्री ने कहा- लीक से हटकर सवाल पूछ रहे हैं नेता प्रतिपक्ष

जब डॉ. महंत ने मिनी स्टील प्लांट पर सवाल उठाया, तो मंत्री देवांगन ने इसे लीक से हटकर बताते हुए स्पीकर से हस्तक्षेप की अपील की। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने व्यवस्था देते हुए कहा कि सदन में तय विषयों पर ही सवाल पूछे जाएं। मंत्री देवांगन ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में अभी तक कोई नया स्टील प्लांट नहीं खुला है, लेकिन इस संबंध में उद्योगपतियों से चर्चा जारी है।

बंद उद्योगों के कर्मचारियों के नियोजन का मामला उठा
डॉ. महंत ने बंद उद्योगों के कर्मचारियों के भविष्य को लेकर चिंता जताई और उद्योग मंत्री से पूछा कि कितने कर्मचारियों को पुनर्नियोजित किया गया और क्या उन्हें उनका बकाया भुगतान किया गया है। मंत्री देवांगन ने जवाब में स्वीकार किया कि अब तक किसी भी कर्मचारी को भुगतान नहीं किया गया है, लेकिन श्रम विभाग के नियमों के तहत सभी आवश्यक प्रावधानों को पूरा किया जाएगा।

स्पीकर ने दी व्यवस्था, श्रमिक मुआवजे का मुद्दा गरमाया

जब नेता प्रतिपक्ष ने श्रमिक मुआवजे पर सवाल उठाया, तो मंत्री ने फिर से इसे लीक से हटकर बताया। इस पर स्पीकर ने कहा कि मंत्री को स्पष्ट जवाब देना चाहिए। डॉ. महंत ने जोर देकर पूछा कि श्रम अधिनियम के तहत बेरोजगार कर्मचारियों को मुआवजा मिला है या नहीं। मंत्री देवांगन ने स्पष्ट किया कि अब तक मुआवजा नहीं दिया गया है, लेकिन अधिनियम के प्रावधानों के तहत इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।

सदन में उद्योगों की बंदी और श्रमिक अधिकारों को लेकर बहस गर्माती रही। अब देखना होगा कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाती है या नहीं।

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