MAKAR SANKRANTI: 15 जनवरी को मनाया जाएगा मकर संक्रांति का त्यौहार
रायपुर। मकर संक्रांति हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार माना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह साल का पहला पर्व होता है। भारत के अलग-अलग राज्यों में मकर संक्रांति को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस त्योहार को गुजरात में उत्तरायण, पूर्वी उत्तर प्रदेश में खिचड़ी और दक्षिण भारत में इस दिन को पोंगल के रूप में मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में आते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना मकर संक्रांति कहलाता है ।
ज्योतिषविदों एवं पंचांग के अनुसार 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य देव प्रात: 02 बजकर 54 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस अवसर पर शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा। हर साल मकर संक्रांति को हमारे देश के कई राज्यों में मनाया जाता है. हर राज्य में मकर संक्रांति के कई अलग रंग और रूप देखे जा सकते हैं. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को बड़ा त्यौहार माना गया है क्योंकि इससे बहुत सारी कथाएं जुड़ी हुई हैं. इस दिन दान करने, गंगा नदी में स्नान करने और खिचड़ी खाने का अलग ही महत्व है. इस पर्व की खासियत यह है कि यह पूरे भारत वर्ष में अलग-अलग नाम से जाना जाता है. मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में गोचर के पहले दिन का और सर्दियों के अंत और गर्म और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है.
पंजाब में माघी के नाम से मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस दिन तड़के नदी में स्नान करते हैं और तिल के तेल का दीपक जलाते हैं. श्री मुक्तसर साहिब में माघी के दिन बड़ा मेले का आयोजन भी होता है. लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति या माघी से एक दिन पहले मनाया जाता है.
गुजराती मकर संक्रांति की धूम पूरे देश में देखने को मिलती हैं. यहां इस दिन को बहुत बड़ा पर्व माना जाता है और इसे उत्तरायण कहा जाता है. गुजरात में दो दिन होने वाले मकर संक्रांति के पर्व में पतंग उत्सव होता है.
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