
आदमी जब कोई काम नहीं कर सकता है तो खुद ही काम करना बंद कर देता है, वह रिटायर हो जाता है। रिटायर होने की कोई उमर तो तय नहीं की जा सकती क्योंकि कोई ८० साल में भी शारीरिक,मानसिक रूप से स्वस्थ रहता है,जो काम वह करता है, उसके लिए फिट हो सकता है और कोई ५० साल में बीमार होने के कारण शारीरिक व मानसिक रूप से फिट नहीं हो सकता है, काम नहीं कर सकता है।
रिटायर होने का संबंध तो इस बात से होता है कि आदमी जो काम कुशलता से करता था, वह काम अब कर सकता है या नहींं, कर सकता है तो उसे रिटायर होने की जरूरत नहीं है। सरकारी नौकरी में भले ही रिटायर होने की उमर सरकार तय कर देती है, ऐसा करना इसलिए जरूरी होता है कि किसी के रिटायर होने पर ही किसी जवान आदमी की नियुक्ति होती है।
राजनीति में रिटायर होने की कोई उम्र किसी राजनीतिक दल ने अभी तक तय नहीं की है, किसी ने ऐसा कोई नियम नहीं बनाया है कि राजनीति में आदमी ७० या ७५ साल का हो जाए तो उसे पार्टी को रिटायर कर देना चाहिए।
कोई भी राजनीतिक दल अपने नेता को जब भी रिटायर करना होता है तो उससे कहा नहीं जाता है कि आपको रिटायर किया जा रहा है, उसे बस चुनाव में टिकट नहीं दिया जाता है। वह भी तब जब वह न तो खुद चुनाव जीत सकता है और न ही पार्टी को चुनाव जिता सकता है।
अगर कोई नेता खुद चुनाव निरंतर जीत रहा है और पार्टी को भी चुनाव जिता रहा है तो वह नेता पार्टी के काम का नेता होता है, उसे कोई रिटायर होने को नहीं कहता है सभी लोग ऐसे नेता का सम्मान करते हैं, चाहते हैं कि ऐसा नेता लंबे समय तक स्वस्थ रहे,लोकप्रिय रहे और पार्टी को चुनाव जिताता रहे।
देश में पीएम मोदी ही एक ऐसे नेता हैं जिनके रिटायर होने का कांग्रेस सहित विपक्ष के कई राजनीतिक दलों को बड़ा इंतजार है क्योंकि उनकाे लगता है कि यह आदमी जब तक भाजपा में है, स्वस्थ है, लोकप्रिय है, उनका चुनाव जीतना मुश्किल है। इसलिए आए दिन कांग्रेस नेता व विपक्षी राजनीतिक दल अफवाह उड़ाते रहते हैं कि संघ मोदी का पसंद नहीं करता है,वह चाहता है कि ७५ साल का होने पर पीएम मोदी खुद ही रिटायर हो जाएं।
हाल ही में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में यह कहा कि कोई ७५ साल का हो गया है तो उसे रिटायर हो जाना चाहिए। बिना यह जाने कांग्रेस नेता व मोदी विरोधी नेता सक्रिय हो गए यह अफवाह फैलाने के लिए कि मोहन भागवत ने कह दिया है कि ७५ साल का होने पर पीएम मोदी को रिटायर हो जाना चाहिए।
या मोहन भागवत चाहते हैं कि ७५ साल का होने पर पीएम मोदी को रिटायर हो जाना चाहिए। हकीकत यह है कि मोहन भागवत ७५ साल में रिटायर होने की बात आरएसएस नेता मोरोपंत पिंगले का स्मरण करते हुए कही थी कि वह कहा करते थे जब कोई ७५ साल में शाल ओढा़ए को समझ जाना चाहिए कि लोग अब चाहते हैं आप रिटायर हो जाओ।
कांग्रेस के एक विधायक बेलूर गोपालकृष्णा ने मांग कर दी है कि पीएम मोदी के रिटायर होने पर नीतिन गड़करी को पीएम बनाया जाना चाहिए। कांग्रेस के नेता ही नहीं देश के राजनीतिक विश्लेषक भी यह मानते हैं कि पीएम मोदी जब तक राजनीति हैं, राहुल गांधी को देश की जनता न चुनाव जिता सकती है, न ही वह पीएम बन सकते हैं। पीएम मोदी के राजनीति से रिटायर होने पर राहुल गांधी का पीएम बनने का नंबर लग सकता है।
पीएम मोदी अभी जिस तरह शारीरिक, मानसिक रूप से स्वस्थ है, उससे तो ऐसा लगता नहीं है कि पीएम मोदी २०३५ तक राजनीति से रिटायर होंगे। वह रिटायर होना भी चाहेंगे तो भाजपा नेता व देश की जनता उनको रिटायर नहीं होने देगी। उनसे अपेक्षा करेगी की वह अभी कुछ और समय देश व जनता की सेवा करें।
ऐसे बहुत कम नेता देश में हुए है, जनता जिससे अपेक्षा करती है वह जब तक शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ है, तब तक देश की सेवा करें, जनता ऐसे नेता को खुद ही मौका देती है देश सेवा करने का।पीएम मोदी ऐसे ही नेता हैं, जिन्हें जनता ही अभी पांच,दस साले सेवा करने का मौका देती रहेगी।
पीएम मोदी सीएम के रूप में गुजरात की जनता का सेवा २००१ से २०१४ तक की और उसके बाद से वह पीएम हैं। यानी देश व जनता की सेवा करते उनको २३ साल हो गए हैं और २९ तक वह पीएम है यानी उनको जनता की सेवा करते २८ साल हो जाएंगे, इसके बाद भी जनता चाहती है कि वह पांच,दस साल और देश की सेवा जरूर करें।