रायपुर। मानसून को लेकर छत्तीसगढ़ के लिए मौसम विभाग द्वारा किए गए सभी दावे धराशायी होते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिस तरीके से केरल में एक दिन पहले मानसून ने दस्तक दी थी और जिस गति से यह आगे बढ़ रहा था, उस हिसाब से अब तक मानूसन को रायपुर से आगे निकल जाना चाहिए था, लेकिन अब भी मानसून सुकमा और बीजापुर में ही अटका हुआ है।
मौसम विज्ञानी के अनुसार सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं, जबकि दक्षिणी छत्तीसगढ़ में अच्छी वर्षा होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं रायपुर को अब भी दो से तीन दिन का और इंतजार करना पड़ेगा। इसके बाद ही मानसून की सक्रिय स्थिति की घोषणा कर पाना मौसम विभाग के लिए संभव होगा।
गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना
सोमवार को प्रदेश के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने के आसार हैं, जबकि एक दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने के भी संकेत हैं। रविवार को प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा देखने को मिली, जिसमें तोकापाल और अंबिकापुर में दो सेमी, कोटा, अकलतरा, बिल्हा, बिलासपुर, पथरिया, भाटापारा, पोड़ी-उपरोड़ा व तखतपुर में एक सेमी वर्षा दर्ज की गई।
वहीं राजधानी में मौसम मेघमय रहा और बादलों की आंख मिचौली जारी रही।नप्रदेश में सर्वाधिक तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस पेंड्रा रोड में, जबकि न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस नारायणपुर में दर्ज किया गया।
तीन दिनों में तीन डिग्री तक गिरेगा तापमान
मौसम विभाग के अनुसार 17 जून से मानसून की गतिविधियां बढ़ने की संभावनाएं बन रही हैं, जिसकी वजह से अगले दो से तीन दिनों में मध्य व दक्षिणी छत्तीसगढ़ में अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री की गिरावट होने के संकेत दिखाई दे रहे हैं। वहीं राजधानी में सोमवार को आकाश आंशिक मेघमय रहने के आसार हैं और गरज-चमक के साथ अंधड़ चलने की भी संभावनाएं बन रही हैं। साथ अधिकतम तापमान 40 डिग्री, जबकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने के संकेत हैं।
मानसून अंबिकापुर समय से पहुंचने के आसार
आदर्श स्थिति में मानसून के जगदलपुर पहुंचने की स्थिति 11 जून रहती है, जबकि पहले से ही मानसून तीन से चार दिन विलंब हो चुका है। वहीं, रायपुर की आदर्श स्थिति 16 जून की है, जहां विलंब होना तय माना जा रहा है। इसी बीच अंबिकापुर में इसके समय से पहुंचने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। इसके पीछे तर्क है कि मानसून अन्य राज्यों यानी कि महाराष्ट्र, ओडिशा में अच्छी गति से आगे बढ़ रहा है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह विलंब से ही चल रहा है।
यह बन रहा सिस्टम
दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा नवसारी, जलगांव, अमरावती, चंद्रपुर, बीजापुर, सुकमा, मलकानगिरी, विजयनगरम और इस्लामपुर है। मानसून को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई है, अगले चार-पांच दिनों में प्रदेश और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने की संभावना है।
एक पूर्व पश्चिम द्रोणिका बिहार से मेघालय तक 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। प्रदेश में 17 जून को कुछ स्थानों पर (25% से 50% स्थानों पर) स्थानों पर हल्की वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। वहीं 18 जून से दक्षिण छग के कुछ और भाग में मानसून सक्रिय होने की संभावना है।