रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में गौरीकुंड (केदारनाथ) हाईवे पर सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच पैदल तीर्थ यात्रियों का दल भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिसमें एक की मौत हो गई। मृतक तीर्थ यात्री मध्य प्रदेश के धार जिले का निवासी है। तीन गंभीर घायलों को गुप्तकाशी स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। इनमें भी एक धार निवासी है।
मलबे में अभी कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका है, जिसको देखते हुए खोजबीन जारी है। हालांकि, वर्षा और अंधेरा होने से इसमें दिक्कते आ रही हैं। बीती 31 जुलाई को केदारघाटी में आई आपदा में भी यहां भूस्खलन से 150 मीटर मार्ग ध्वस्त हो गया था। इसके बाद से लगातार पहाड़ी से पत्थर व मलबा गिर रहा है और मार्ग खतरनाक बना हुआ है।
जीजोड़ा पोस्ट राजोद जिला धार के रहने वाले थे गोपाल
सोमवार शाम लगभग साढ़े सात बजे सोनप्रयाग से आधा किमी आगे गौरीकुंड की तरफ पहाड़ी से भूस्खलन हो गया।
वहां से गुजर रहे कुछ तीर्थयात्री पहाड़ी से गिरे पत्थरों और मलबे की चपेट में आ गए। सभी केदारनाथ से लौट रहे थे।
इनमें एक की मौत हो गई, जिसकी पहचान गोपाल निवासी जीजोड़ा पोस्ट राजोद जिला धार के रूप में हुई।
घायलों में जीवच तिवारी निवासी नेपाल, मनप्रीत सिंह निवासी बंगाल, छगनलाल निवासी धार शामिल हैं।
मलबे में अन्य तीर्थ यात्रियों के फंसे होने की आशंका को देखते हुए रेस्क्यू जारी है। क्षेत्र में लगातार वर्षा और अंधेरे के कारण परेशानी हो रही है। – अनिल कुमार शुक्ला, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ
वर्षा में चारधाम यात्रा से बचें
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इन दिनों भारी वर्षा हो रही है। इससे मार्गों पर भूस्खलन होने से जगह-जगह पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिर रहा है। चारधाम यात्रा मार्गों पर कई पुराने भूस्खलन क्षेत्र सक्रिय होने के साथ ही नए भूस्खलन क्षेत्र उभर आए हैं।
हल्की वर्षा में ही पहाड़ी से पत्थरों की बरसात हो रही है। इससे सफर में जोखिम बना हुआ है। इसलिए अगर आप इन दिनों चारधाम यात्रा पर आने की योजना बना रहे हैं तो सुरक्षा के दृष्टिगत कुछ दिन रुक जाए। अपरिहार्य कारणों से आना ही पड़ रहा है तो पर्वतीय मार्गों पर सावधानी बरतें। विशेषकर रात्रि में और वर्षा के दौरान सफर करने से बचें।