नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में दिये भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य अनुराग ठाकुर के भाषण की मंगलवार को सराहना की और कहा कि इसे अवश्य सुना जाना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने अपने भाषण के दौरान, विपक्ष के नेता राहुल गांधी के संबोधन पर राजनीतिक रूप से पलटवार किया।
पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”मेरे युवा और ऊर्जावान सहयोगी अनुराग ठाकुर का यह भाषण अवश्य सुना जाना चाहिए। तथ्यों और व्यंग्य का एक सही मिश्रण है, ‘इंडी’ गठबंधन की गंदी राजनीति को उजागर करता है।” ठाकुर ने लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण को लेकर उन पर पलटवार किया। भाजपा नेता ने कांग्रेस सरकारों के दौरान हुए कथित घोटालों और अतीत में उसके नेताओं द्वारा विपक्ष के नेता से सवाल पूछने के लिए जाति आधारित कोटा के बारे में आलोचनात्मक संदर्भों का उल्लेख किया।
जाति आधारित गणना के मुद्दे पर राहुल गांधी को घेरा
जाति आधारित गणना के मुद्दे पर, राहुल की जाति के संबंध में उनके सवाल के कारण लोकसभा में हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष ने इसे अपमान बताया और कहा कि यह उन्हें जातिवार गणना की अपनी मांग पर अड़े रहने से नहीं डिगा पाएगा। प्रधानमंत्री ने ‘एक्स’ पर एक अन्य पोस्ट में बजट पर चर्चा पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब की सराहना की। उन्होंने कहा, “वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के बजट की और यह समाज के हर वर्ग के लिए क्या प्रदान करता है, इस बारे में एक बहुत व्यापक तस्वीर प्रस्तुत की है। उन्होंने विकास और सुधारों के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है।
अनुराग ठाकुर ने राहुल पर किया पलटवार
सदन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कमल को हिंसा से जोड़ दिया था, जिस पर अनुराग ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा, “एक नेता ने खड़े होकर कमल पर कटाक्ष किया, लेकिन कमल का नाम तो राजीव भी है, तो क्या वो राजीव गांधी को भी बुरा मानते हैं।
अनुराग ठाकुर ने ऐसा कहकर राहुल के पिता स्वर्गीय राजीव गांधी की ओर से इशारा किया। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता है कि उन्हें कमल से क्या आपत्ति है। कमल का पर्यायवाची तो राजीव भी है। शायद उन्हें इस बात का पता नहीं है। अगर होता, तो मुझे पूरी उम्मीद है कि वो कमल के बारे में इस तरह की टिप्पणी ही नहीं करते।
अनुराग ठाकुर ने लगाया ये आरोप
अनुराग ने कहा, “इन्होंने कमल को हिंसा के साथ जोड़ा। इन्होंने राजीव को हिंसा के साथ जोड़ा। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मां लक्ष्मी का आसन भी कमल है, हमारा राष्ट्रीय पुष्प भी कमल है और जिस पद्मासन मुद्रा में सिंधु सभ्यता में भगवान शिव की मूर्ति मिली थी, लोकमान्य तिलक ने भी पद्मासन मुद्रा में ही समाधि ली थी, आप कहते हैं कमल के चारों तरफ हिंसा है। आप कमल का अपमान नहीं कर रहे, आप महायोगी भगवान शिव, भगवान बुद्ध और लोकमान्य तिलक जैसे महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं।