सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि सोमवार रक्षाबंधन पर्व के रूप में मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि सोमवार सूर्योदय से शुरू होकर पूरे दिन रहेगी। पूर्णिमा तिथि के दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी यानि रक्षाधागा बांधकर दुख, संकट से उसकी रक्षा करती है, लेकिन इस साल रक्षाबंधन पर्व पर भद्रा का साया रहेगा। ऐसे में दोहपर 1:30 बजे के बाद ही बहनें भाईयों को राखी बांध पाएंगी।
राधा-कृष्ण मंदिर के पुजारी ने बताया कि हिंदू पंचाग के अनुसार भद्रा में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। भ्रदा में बांधी गई राखी का फल प्राप्त नहीं होता है वहीं, दुख का कारण बनता है। शास्त्रों में भद्राकाल में कोई भी मांगलिक कार्य, उत्सव, भाई की कलाई पर राखी बांधना निषेध माना गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह 05:53 बजे से ही भ्रदा लग जाएगी। दोपहर 01:30 बजे तक भद्रा रहेगी। ऐसे में दोपहर 01:31 बजे से ही राखी का त्योहार मनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि भद्रा के मुख काल में राखी बांधना निषेध माना गया है। इसलिए सुबह के समय राखी नहीं बांधनी चाहिए। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:30 बजे के बाद ही शुरू होगा। उन्होंने कहा कि दोपहर 1:31 बजे से दोपहर 04:25 बजे तक राखी बांधने का शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा पंचाग में प्रदोष काल में भी राखी बांधना शुभ माना गया है। प्रदोष काल का मुहूर्त शाम 06:56 बजे से रात 09:08 बजे तक रहेगा।