छठी बार संसद में बजट पेश करने का रिकॉर्ड,अंतरिम बजट सरकार क्यों नहीं करती बड़ा ऐलान
Interim Budget 2024: वित्त मंत्रालय की तरफ से ‘अंतरिम बजट 2024’ की तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और मंत्रालय के टॉप ऑफिशियल की टीम अंतिम रूप देने में व्यस्त है. ‘हलवा समारोह’ के बाद प्राइवेसी रखने के लिए नॉर्थ ब्लॉक के अधिकारियों को लॉक-डाउन में डाल दिया गया है. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीएमओ अधिकारियों की टीम और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों की टीम के बीच बजट को लेकर दिन-रात चर्चा चल रही है. लेकिन क्या आपको पता है अंतरिम बजट क्यों पेश किया जाता है और सरकार की तरफ से इस दौरान कोई बड़ा ऐलान क्यों नहीं किया जाता? आइए जानते हैं कारण-
नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय बजट की छपाई के दौरान, अधिकांश अधिकारियों को बजट से पहले के दिनों में बाहरी दुनिया से बिना किसी संपर्क के ऑफिस में रहना पड़ता है. एक फरवरी को बजट पेश होने के बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति मिलेगी. वित्त मंत्री अपनी टीम की मदद से प्रस्तावों पर गौर करती हैं और पूरे राजकोषीय घाटे और विकास और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के मकसद से सरकारी नीतियों के साथ किए जाने वाले आवंटन को ध्यान में रखकर पीएमओ के साथ परामर्श करती हैं. सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी, जिससे वह मोरारजी देसाई के बाद लगातार छठी बार संसद में बजट पेश करने वाली देश की दूसरी वित्त मंत्री बन जाएंगी.
क्यों पेश किया जाता है अंतरिम बजट?
अंतरिम बजट उस सरकार की तरफ से पेश किया जाता है जो लोकसभा चुनाव से पहले अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में होती है. अंतरिम बजट की जरूरत इसलिए होती है क्योंकि सरकार चलाने के लिए देश की निधि से पैसा निकालने के लिए संसद से नए सिरे से मंजूरी की जरूरत होती है. मौजूदा 2023-24 बजट इस साल 31 मार्च तक के लिए वैलिड है. चूंकि इस साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, इसलिए नई सरकार के सत्तारूढ़ होने तक देश को संभालने के लिए पैसे की जरूरत होगी. अंतरिम बजट एक व्यावहारिक व्यवस्था है, जो सरकार को इस अंतर को भरने में सक्षम बनाती है.
क्यों नहीं की जाती कोई बड़ी घोषणा
सरकार की तरफ से अंतरिम बजट के दौरान कोई बड़ी घोषणा नहीं की जाती. इसका कारण यह होता है कि पूर्ण केंद्रीय बजट पेश करने वाली अगली निर्वाचित सरकार पर वित्तीय बोझ पड़ सकता है. चुनाव आयोग की आचार संहिता के अनुसार सरकार अंतरिम बजट में कोई बड़ी योजना भी शामिल नहीं कर सकती क्योंकि इससे वोटर प्रभावित हो सकते हैं. सरकार अंतरिम बजट के साथ आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश नहीं करती है, जो मुख्य बजट पेश होने से एक दिन पहले किया जाता है.