बिलासपुर । निजी इंश्योरेंश कंपनी में इनवेस्ट करने वाले शिक्षा विभाग के रिटायर्ड शिक्षक को जमा पूंजी पर लाभ दिलाने के नाम पर ठग गिरोह ने 80 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी कर ली।
ठग गिरोह ने इंश्योरेंश कंपनी के अधिकारी और मिनिस्ट्री ऑफ फायनेंस के अधिकारी बनकर रिटायर्ड कर्मचारी से मई 2023 से जून 2024 के बीच 14 महीनों तक अलग-अलग 27 खातों में रकम जमा कराई। ठगी का शिकार होने का अहसास होने पर रिटायर्ड शिक्षक ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
ठगी की शुरुआत
साइबर थाने से मिली जानकारी के अनुसार, वाजपेयी कैशल मंगला निवासी विरेन्द्र कुमार देवांगन पिता मनराखनलाल देवांगन उम्र 63 वर्ष शिक्षा विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। 30 मई 2023 को सुबह 10 बजे उनके मोबाइल नंबर पर अलग-अलग 2 नंबरों से कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम अजय अग्रवाल और विष्णु प्रभाकर बताया और खुद को मैक्स लाइफ इंशुरेंस कंपनी हैदराबाद का सीईओ और मैनेजर बताया।
जालसाजी का तरीका
उन्होंने विरेन्द्र को बताया कि कंपनी में उनके निवेश को एजेंट ने इक्विटी फंड में डाल दिया है जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है। दोनों ने एजेंट के नाम और कोड हटाने का झांसा देकर बताया कि ऐसा करने पर लाभांश की राशि सीधे उन्हें मिलती रहेगी। इसके लिए उन्होंने 22700 रुपए चार्ज जमा करने के लिए कहा। झांसे में आकर विरेन्द्र ने अपने खाते से रकम जमा कर दी।
ठगी की विस्तृत जानकारी
इसके बाद, ठगों ने जीएसटी चार्ज, टीडीएस चार्ज, सर्विस चार्ज, बैंक का ओवर चार्ज, एनओसी चार्ज के नाम पर विरेन्द्र से कई बार रकम जमा कराई। इस प्रकार, विरेन्द्र ने विभिन्न तारीखों में अलग-अलग खातों में लाखों रुपए जमा किए।
नवंबर 2023 में, अनजान मोबाइल नंबरों से कॉल आने पर खुद को बैंक का अधिकारी बताते हुए जमा राशि वापस देने का झांसा देकर चार्ज के नाम पर और रकम मांगी गई। ठगों ने फाइनेंस मिनिस्ट्रिी बाम्बे के अधिकारी बनकर भी विरेन्द्र से पैसे जमा कराए।
पुलिस की कार्यवाही
ठगों ने विरेन्द्र से कुल 79,85,912 रुपए की ठगी कर ली। ठगी का शिकार होने का अहसास होने पर विरेन्द्र ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने ठगों के खिलाफ 420, 34 और 66 आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
इस घटना से एक बार फिर से साबित होता है कि लोगों को ऑनलाइन निवेश और वित्तीय मामलों में सतर्कता बरतनी चाहिए। साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता और सावधानी ही ऐसे धोखाधड़ी से बचा सकती है।