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शारदा चौक चौड़ीकरण : 88 लोगों के दुकान और मकान पर किसी भी दिन चल सकता है बुलडोजर

रायपुर। राजधानी रायपुर के शारदा चौक चौड़ीकरण का मामला आखिरकार 19 वर्षाें के बाद सुलझता हुआ दिखाई दे रहा है। मिली जानकारी अनुसार राज्य सरकार ने इस मामले को हरी झंडी दे दी है। जिसके बाद कलेक्टर डा. गौरव कुमार सिंह ने अधिकारियों की दो घंटे तक बैठक लेकर सड़क के चौड़ीकरण के लिए कई दिशा निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर ने कहा है कि सड़क चौड़ीकरण तो हर हाल में किया जाना है। इसके लिए उन्होंने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को बल उपलब्ध कराने और निगम को दल उपलब्ध कराने की बात कही है। सड़क के चौड़ीकरण में आड़े आ रहे 88 लोगों के दुकान और मकान पर किसी भी दिन भोर में बुलडोजर चल सकता है।

वहीं, कलेक्टर ने मुआवजे को लेकर पीडब्ल्यूडी और नगर निगम को 25 जुलाई से सर्वे करने कहा है। सर्वे के बाद मुआवजे की राशि तय की जाएगी। साथ ही सर्वे की रिपोर्ट आठ दिनों के भीतर तैयार करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए हैं।

इस दौरान सर्वे में पिछले सर्वे के आधार पर घर और दुकानों में जाकर सत्यापन किया जाएगा। चौक के चौड़ीकरण को लेकर नईदुनिया ने प्रमुखता से मुद्दा उठाया था। इसे लेकर लगातार खबरें भी प्रकाशित की गई थी, जिसके बाद इस कार्य को संज्ञान में लेकर अब इसे करने का फैसला लिया गया है।

आज से शुरू होगा सर्वे, निगम ने की तैयारी

सड़क के चौड़ीकरण में आने वाले प्रभावितों के सर्वे की प्रक्रिया आज से शुरू होनी है। कलेक्टर के आदेश के अनुसार नगर निगम की टीम ने सर्वे के लिए तैयारी कर ली है। इसके लिए काम करने वालों की लिस्ट भी निगम में तैयार हो गई है। जिसमें निगम के जोन की टीम प्रमुखता से शामिल होगी।

वहीं, इस कार्य में पीडब्ल्यूडी, राजस्व का नजूल विभाग, नगर एवं ग्राम निवेश विभाग के साथ ही वित्त विभाग से संबंधित ट्रेजरी के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। मिली जानकारी अनुसार पुराने सर्वे के आधार पर दुकानों और मकानों का सत्यापन किया जाएगा। साथ ही किरायादारों की सूची भी तैयार होगी। सत्यापन की रिपोर्ट अधिकतम आठ दिनों के अंदर तैयार की जानी है।

9 से 14 मीटर होनी है सड़क

शारदा चौक चौड़ीकरण में करीब 500 मीटर सड़क का चौड़ीकरण होना है। इसमें सड़क को 9 से बढ़ाकर 14 मीटर तक चौड़ा किया जाना है। साथ ही चौड़ाई में लगने वाले समय को वहां के प्रभावितों द्वारा तय किया जाएगा। क्योंकि सर्वे फार्मेट के अनुसार दुकान और मकान का हिस्सा टूटने के बाद कारोबारी अपना व्यापार कहां शुरू करेंगे यह भी बताना है।

वहीं, उन्हें अपने पारिवारिक प्रभाव के संदर्भ में भी जानकारी प्रदान करनी है। साथ ही दुकान के संदर्भ में भी बताना है कि उनकी खुद की दुकान है या किराया कि है। अगर किराया से दिए हैं तो उनकी क्या इनकम है। इस तरह जारी सर्वे फार्मेट में कई जानकारी उपलब्ध करानी है।

एसडीएम से लेकर राज्यपाल तक सौंपा ज्ञापन

इस मामले को लेकर महापौर एजाज ढेबर का कहना है कि वे एसडीएम से लेकर राज्यपाल तक अपनी परिषद के साथ ज्ञापन सौंपे हैं। यह किसी एक व्यक्ति की जरूरत या लड़ाई नहीं थी। यह पूरे शहरवासियों की अावश्यकता है। यहां से हर दिन सत्तर से अस्सी हजार लोग गुजरते होंगे। चौड़ीकरण प्रभावित होने की वजह से उन्हें जाम का सामना करना पड़ता है। इसमें निगम द्वारा पूरी सहभागिता निभाई जाएगी।

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