मुंबई। महिलाओं को होने वाली एक गंभीर बीमारी है एंडोमेट्रियोसिस, जिसमें गर्भाशय के जैसे टिशूज यानि ऊतक शरीर के दूसरे हिस्सों में बढ़ने लगते हैं। जब ये टिशूज गलत जगह पर बढ़ते हैं, तो इससे काफी परेशानी होने लगती है। कई बार दर्द असहनीय हो जाता है जिससे आपकी डेली लाइफ प्रभावित होती है। एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित कुछ महिलाओं में प्रेगनेंसी को लेकर भी समस्या होने लगती है।
क्या है एंडोमेट्रियम बीमारी?
एंडोमेट्रियम यूटेरस के इनर लाइनिंग में बनने वाले टिशूज हैं जो पीरियड्स के दौरान निकल जाते हैं। एंडोमेट्रियम को इस तरह समझें कि ये टिशूज यूटेरस के अंदर लेयर के तौर पर जमा होने लगते हैं। जब पीडियड्स होते हैं तो ये लेकर यूटेरस की वॉल से अलग हो जाती हैं और बाहर निकल जाती हैं।
कहां विकसित होते हैं एंडोमेट्रियल टिशूज?
जब आपको एंडोमेट्रियोसिस होता है, तो एंडोमेट्रियल जैसे टिशूज किसी अंग में बढ़ने लगते हैं। ये आपके पेट, पेल्विस या फिर चेस्ट के अंदर भी विकसित हो सकते हैं। ये टिशूज हार्मोनल रूप से संवेदनशील होते हैं पीरियड साइकल के दौरान इसमें सूजन भी आ सकती है। ये टिशूज शरीर के अंदर ओवेरियन सिस्ट सुपरफीशियल लेसिन्स डीप नोड्यूल जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। एंडोमेट्रियोसिस होने पर शरीर में कई लक्षण नजर आते हैं।